सार
महात्मा विदुर महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक थे। ये हस्तिनापुर के महामंत्री थे। महाराज धृतराष्ट्र हर विषय पर विदुर से खुलकर चर्चा करते थे। महात्मा विदुर और महाराज धृतराष्ट्र के बीच का संवाद ही विदुर नीति के रूप में उपलब्ध है।
उज्जैन. महात्मा विदुर महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक थे। ये हस्तिनापुर के महामंत्री थे। महाराज धृतराष्ट्र हर विषय पर विदुर से खुलकर चर्चा करते थे। महात्मा विदुर और महाराज धृतराष्ट्र के बीच का संवाद ही विदुर नीति के रूप में उपलब्ध है। वर्तमान समय में भी विदुर नीति के लाइफ मैनेजमेंट प्रासंगिक हैं। विदुर नीति में मनुष्य के ऐसे गुणों के बारे में बताया गया है, जिनके होने पर व्यक्ति को सदैव मान-सम्मान और सुख-शांति मिलती है। आगे जानिए कौन-से हैं वो गुण
धर्म का आचरण करने वाला
विदुर नीति के अनुसार जो व्यक्ति धर्म का आचरण करता है, उसका सदैव कल्याण होता है। धर्म मनुष्य को सही और गलत का फर्क करना सिखाता है। जो व्यक्ति धर्म के मार्ग पर चलता है वह सदैव सही मार्ग पर रहता है और गलत कार्यों से स्वयं को बचाकर रखता है।
क्षमा करने वाला
क्षमा करने या फिर क्षमा मांगने से कोई भी बड़ा या छोटा नहीं होता है। क्षमा कर देने से शांति बनी रहती है। क्षमा करना श्रेष्ठता का गुण होता है इसलिए क्षमा करना ही उचित रहता है। क्षमा करने से स्वयं को आत्मिक शांति का अनुभव होता है।
विद्या से प्राप्त होता है सम्मान
ज्ञानी व्यक्ति हर जगह सम्मान प्राप्त करता है, इसलिए सदैव ज्ञान प्राप्त करने के लिए तत्पर रहना चाहिए। विद्या व्यक्ति को जीवन में सफलता सम्मान और धन वैभव सब कुछ प्रदान करती है।
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