Holi 2022: लड़की पान खाए तो समझो शादी के लिए है राजी, जानिए भगोरिया मेले से जुड़ी खास बातें

भारत त्योहारों का देश है। यहां हर दिन किसी न किसी जाति समाज का कोई न कोई पर्व और उत्सव मनाया जाता है। यहां कदम-कदम पर त्योहारों के साथ उनकी परंपरा में बदलाव आ जाता है। होली (Holi 2022) भी एक ऐसा ही त्योहार है जो अलग-अलग प्रदेशों में विभिन्न मान्यताओं और परंपराओं के साथ मनाया जाता है।
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 13, 2022 12:10 PM IST

उज्जैन. इस बार 17 मार्च को होलिका दहन (Holika Dahan 2022) किया जाएगा और 18 मार्च को होली (धुरेड़ी) खेली जाएगी। होली पर मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में भगोरिया मेले (Bhagoria 2022) का आयोजन किया जाता है। ये मेला विश्व प्रसिद्ध है। इसे देखने के लिए विदेशी सैलानी भी यहां आते हैं। इस मेले की सबसे खास बात ये है कि इसमें आदिवासी समुदाय के युवक एक खास तरीके से युवतियों से अपने प्रेम का इजहार करते हैं। अगर युवती की भी हामी होती है तो दोनों का विवाह कर दिया जाता है। आगे जानिए भगोरिया मेले से जुड़ी खास बातें…

ये भी पढ़ें- Holi 2022: ग्रहों से शुभ फल पाने के लिए राशि अनुसार इन रंगों से खेलें होली, जीवन में बनी रहेगी सुख-समृद्धि

पान का बीड़ा होता है प्रेम जताने का माध्यम 
भगोरिया मेले में आदिवासी समुदाय के हजारों लोग शिरकत करते हैं। इनमें युवक-युवतियां भी होती हैं। युवक अगर किसी लड़की को पान का बीड़ा पेश करता है और युवती अगर उसे ले लेती है तो इसका मतलब होता है कि लड़की को भी लड़का पसंद है।  इसके बाद वे दोनों रजामंदी से मेले से भाग जाते हैं और तब तक घर नहीं लौटते, जब तक की दोनों के परिवार उनकी शादी के लिए राजी ना हो जाए। इस तरह ये मेला पुरातन समय के स्वयंवर का एक प्रतिरूप है।

ये भी पढ़ें- Holi 2022: होली से जुड़े ये 4 लाइफ मैनेजमेंट टिप्स जीवन में हर कदम पर आपके काम आएंगे

कैसे शुरू हुई भगोरिया मेले की परंपरा?
1.
मान्यता के अनुसार, भगोरिया मेले की शुरूआत दो भील राजाओं कासूमार और बालून के समय से बताई जाती है, जिसमें इन दोनों राजाओं ने मिलकर अपनी राजधानी भगोर में मेले का आयोजन करवाया था। इसके बाद दूसरे राजा इस मेले का आयोजन लगातार करवाते आए और आज यह एक प्रथा बन गया है।
2. कुछ लोगों का मानना है कि ये सच नहीं है। दरअसल, भील समुदाय में लड़के पक्ष को शादी के लिए लड़कियों को दहेज देने पड़ते हैं। इसी से बचने के लिए कुछ लोगों ने भगोरिया मेला का आयोजन किया जिसमें लड़का-लड़की बिना पैसे के शादी कर लें।
3. भगोरिया मेला 1 दिन नहीं बल्कि 4-5 दिनों तक आयोजित किया जाता है। इसमें शासन-प्रशासन भी सहयोग करता है। भगोरिया मेले को लेकर युवक और युवतियों में काफी उत्साह होता है। इस दौरान नौजवनों को अपने जीवनसाथी चुनने की पूरी आजादी होती है। 

ये भी पढ़ें ...

Holi 2022: 3 शुभ योगों के संयोग में होगा होलिका दहन, कम होगा बीमारी का संक्रमण, मंहगाई पर लगेगी रोक


2 अप्रैल से आरंभ होगी चैत्र नवरात्रि, बनेगा शनि-मंगल का शुभ योग, ग्रहों की स्थिति दिलाएगी शुभ फल

Holashtak 2022: 17 मार्च को होलिका दहन के साथ खत्म हो जाएगा फाल्गुन मास, इसके पहले 8 दिन रहेगा होलाष्क

31 मार्च तक मकर राशि में रहेगा सौर मंडल का सबसे चमकीला ग्रह, इन 4 राशि वालों की चमकेगी किस्मत
 

Share this article
click me!

Latest Videos

उर्फी जावेद का रिस्की वीडियो वायरल #Shorts #urfijaved
Bigg Boss LIVE Updates 🔴 गरमागरम बहस, फ़्लर्टी एक्सचेंज और ड्रामा सामने आया |
LIVE: राष्ट्रपति की अल्जीरिया, मॉरिटानिया और मलावी की राजकीय यात्रा पर विशेष ब्रीफिंग
LIVE: जयराम रमेश और पवन खेड़ा द्वारा कांग्रेस पार्टी की ब्रीफिंग
मोदी कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला, जानें कब तक मिलता रहेगा मुफ्त राशन