चाणक्य नीति: किस समय पीया गया पानी शरीर में जहर का काम करता है?

पानी जीवन के लिए आवश्यक है। इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पानी हमारे शरीर की कई जरूरतों को पूरा करता है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में पानी से स्वास्थ्य को नुकसान भी हो सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि गलत समय पर पानी पीना स्वास्थ्य के लिए कैसे हानिकारक हो सकता है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 27, 2020 3:30 AM IST

उज्जैन. पानी हमारे शरीर की कई जरूरतों को पूरा करता है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में पानी से स्वास्थ्य को नुकसान भी हो सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि गलत समय पर पानी पीना स्वास्थ्य के लिए कैसे हानिकारक हो सकता है। इस नीति में कुछ परिस्थितियां बताई हैं, जब पानी पीने से नुकसान हो सकता है। जानिए उन नीतियों के बारे में…

अजीर्णे भेषजं वारि जीर्णे वारि बलप्रदम्।
भोजने चाऽमृतं वारि भोजनान्ते विषप्रदम्।।

- इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि भोजन के एकदम बाद पानी नहीं पीना चाहिए। खाना खाने के बाद जब तक खाना पच ना जाए, तब तक पानी पीना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है।
- यदि कोई व्यक्ति भोजन के तुरंत बाद ज्यादा पानी पी लेता है तो उसके पाचन तंत्र को भोजन पचाने में परेशानियां होती हैं। यदि खाना ठीक से पचेगा नहीं तो शरीर को उचित ऊर्जा प्राप्त नहीं हो सकेगी।
- अपच की स्थिति में पेट संबंधी रोग होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। भोजन के तुरंत बाद पानी पीने पर वह विष के समान कार्य करता है यानी पानी फायदा नहीं नुकसान पहुंचाता है।

कब पीना चाहिए पानी?
भोजन करने के लगभग 30 से 45 मिनिट बाद पानी पीना चाहिए। इस समय पीया गया पानी अमृत के समान काम करता है। शरीर को भरपूर ऊर्जा प्रदान करता है और पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहता है। पाचन तंत्र के स्वस्थ होने पर कब्ज, गैस, अपच आदि समस्याएं नहीं होती हैं।

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