Chanakya Niti: ये हैं संसार का सबसे बड़ा दान, मंत्र और तिथि

आचार्य चाणक्य (Chanakya) भारत के सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे। वे कौटिल्य या विष्णुगुप्त नाम से भी विख्यात हैं। आचार्य श्री चणक के शिष्य होने के कारण वह चाणक्य (Chanakya) कहे गए।  आचार्य चाणक्य (Chanakya) कूटनीति और राजनीति के महान ज्ञाता थे। उन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान को नीतिशास्त्र (Niti shastra) में संकलित किया है। उनके द्वारा रचित अर्थशास्त्र नामक ग्रन्थ राजनीति, अर्थनीति, कृषि, समाजनीति आदि का महान ग्रंन्थ है। आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में चार चीजों को सबसे महत्वपूर्ण बताया है। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 1, 2021 4:50 AM IST / Updated: Aug 02 2021, 10:53 AM IST

उज्जैन. चाणक्य के अनुसार संसार में इन चीजों से महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है। आगे जानिए वे कौन सी चीजें हैं जिन्हें आचार्य ने सर्वश्रेष्ठ बताया है।

अन्नदान सबसे बड़ा दान
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पूरे ब्रह्मांड में अन्न के दान से बड़ा कोई दान नहीं है। चाणक्य के अनुसार किसी भूखे व्यक्ति को भोजन करवाना सबसे बड़ा पुण्य होता है। अन्न दान का महत्व धार्मिक ग्रंथों में भी बताया गया है। इसलिए मनुष्य को अपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंद लोगों को अन्न दान करना चाहिए।

द्वादशी तिथि है सबसे श्रेष्ठ 
तिथियों में सबसे श्रेष्ठ द्वादशी तिथि है। पूरे दिन भक्त निर्जला रहकर एकादशी का व्रत करते हैं और उसके अगले दिन द्वादशी तिथि पर व्रत का पारण किया जाता है।

गायत्री मंत्र
आचार्य चाणक्य अनुसार संपूर्ण सृष्टि और समस्त ब्रह्मांड में सभी मंत्रों से श्रेष्ठ गायत्री मंत्र है, क्योंकि यह देवी गायत्री का मंत्र है जो चारों वेदों ऋग्वेद, यजुर्वेद अथर्वेद और सामवेद की जननी हैं। देवी गायत्री से ही चारों वेदों की उत्पत्ति मानी गई है।

मां से श्रेष्ठ कुछ नहीं
इस संपूर्ण सृष्टि और ब्रह्मांड में मां से बढ़कर और कुछ नहीं है। मां से ही हमें इस पृथ्वी पर लाती है इसलिए सदैव मां की सेवा में तत्पर रहना चाहिए। जो अपनी मां का सम्मान करता है उसकी आज्ञा का पालन करता है उसे अपने जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। मां की सेवा को ही स्वर्ग के समान समझना चाहिए।

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