आचार्य चाणक्य (Chanakya) द्वारा लिखी गई नीतिशास्त्र (Chanakya Niti) की बातें आज भी लोगों के सही रास्ता दिखाती हैं। आचार्य चाणक्य की नीतियों का सार समझकर यदि जीवन में उतार लिया जाए तो सुखी, संतुष्ट और सफल जीवन व्यतीत किया जा सकता है।
उज्जैन. आचार्य चाणक्य (Chanakya) ने रिश्तों के बारे में भी महत्वपूर्ण बातें बताई हैं यदि किसी के जीवन में ऐसे रिश्ते होते हैं तो वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है। ऐसे व्यक्ति के लिए धरती पर ही स्वर्ग होता है। आज हम आपको इसी से जुड़े लाइफ मैनेजमेंट बता रहे हैं, जो इस प्रकार है…
आज्ञाकारी बुद्धिमान संतान
आचार्य चाणक्य (Chanakya) कहते हैं कि जिसकी संतान आज्ञाकारी और बुद्धिमान है उसके लिए धरती पर भी स्वर्ग के समान सुख होता है। ऐसी संतान सदैव अपने माता पिता को सुख पहुंचाती है और समाज में सदैव ही उनका मान-सम्मान बढ़ाती है। ऐसी संतान को प्राप्त करने वाला व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है।
धर्म के मार्ग पर चलने वाली स्त्री
यदि किसी व्यक्ति की पत्नी धर्मपरायण है तो वह अपने पति के घर को स्वर्ग बना देती है। धर्म परायण स्त्री को सही और गलत का भान होता है वह सदैव सत्कर्मों की ओर प्रेरित होती है। ऐसी स्त्री अपनी संतान को संस्कारी बनाती है व परिवार में समांजस्य बनाकर चलती है। धर्मपरायण स्त्री सुख और दुख दोनों परिस्थितियों में अपने पति का साथ देती है। इसलिए ऐसे व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होते हैं।
आत्मिक रूप से संतुष्ट
आचार्य चाणक्य (Chanakya) कहते हैं कि सुखी रहने के लिए सबसे आवश्यक व्यक्ति का संतुष्ट होना है। जो व्यक्ति अपने जीवन में आत्मिक रूप से संतुष्ट होता है उसके लिए जीवन में धन और मोह की चीजें कोई मायने नहीं रखती है। ऐसे व्यक्ति को दुख नहीं होता। इसलिए जिसे आत्म संतुष्टि है उसके लिए धरती पर ही स्वर्ग के समान सुख होता है।
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