आचार्य चाणक्य ने अपनी हर नीति इस प्रकार से बनाई है कि उससे दूसरे लोग सीख ले सकें और भविष्य में होने वाली परेशानियों से बच सकें।
उज्जैन. आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि कौन-से लोग हमेशा गरीब नहीं रह सकते और किन लोगों को पाप छू भी नहीं सकता। आगे जानिए क्या है ये नीति…
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो लोग मेहनती हैं और अपने कार्य के प्रति ईमानदार हैं वे सदैव गरीब नहीं रहते। अपनी मेहनत के बल पर वे समृद्धिशाली हो जाते हैं। ऐसे लोग भले ही गरीबी में जन्म लें, लेकिन वे उस स्थिति से बाहर आ ही जाते हैं।
जो लोग हमेशा भगवान की भक्ति करते हैं वे कोई भी काम करने से पहले उसके अच्छे-बुरे परिणाम के बारे में जरूर सोचते हैं। इसलिए वो कभी गलती से भी कोई गलत कर्म नहीं करते, जिसके कारण वे पापों से दूर रहते हैं।
जो व्यक्ति बिना कारण बोलता नहीं है और अधिकांश समय मौन ही रहता है। ऐसे व्यक्ति का कभी किसी से विवाद नहीं होता। क्योंकि विवाद की शुरूआत सबसे पहले अपशब्दों से ही होती है। ऐसे लोग दूसरों के विवाद में भी सोच-समझकर ही बोलते हैं।
जो लोग हर परिस्थिति में सजग यानी जागृत रहते हैं वे सदैव निर्भय रहते हैं यानी उन्हें किसी बात का भय नहीं रहता। ऐसे लोग आने वाले खतरों को पहले ही भांप लेते हैं और सजग हो जाते हैं। इस कारण उन्हें किसी बात का भय नहीं रहता।
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