चाणक्य नीति: जब तक शरीर स्वस्थ है और हमारे नियंत्रण में है अच्छे काम कर लेना चाहिए

पहला सुख निरोगी काया, यानी स्वस्थ शरीर ही सबसे बड़ा सुख है। शरीर स्वस्थ रहेगा तो हम सभी सुखों का लाभ उठा सकते हैं।

उज्जैन. आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र के चौथे अध्याय की चौथी नीति में स्वस्थ शरीर का महत्व बताया है। चाणक्य कहते हैं कि-

यावत्स्वस्थो ह्ययं देहो यावन्मृत्युश्च दूरतः।
तावदात्महितं कुर्यात् प्राणान्ते किं करिष्यति।।

Latest Videos

इस नीति में चाणक्य कहते हैं जब तक हम स्वस्थ हैं, हमारा शरीर हमारे नियंत्रण में है, तब तक आत्म कल्याण के लिए पुण्य कर्म कर लेना चाहिए। क्योंकि, मृत्यु होने के बाद कोई भी कुछ नहीं कर सकता है।

जीवन प्रबंधन
- अच्छे स्वास्थ्य का महत्व बताते हुए आचार्य कहते हैं कि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष ये चारों पुरुषार्थ सिर्फ तब ही मिल सकते हैं, जब हमारा शरीर स्वस्थ हो। इसीलिए हम स्वस्थ बने रहे, इसके लिए जरूरी काम करते रहना चाहिए।
- अच्छा खान-पान, योग-प्राणायाम, संतुलित दिनचर्या का पालन करने से हम रोगों से बच सकते हैं। स्वस्थ शरीर से धर्म-कर्म जैसे पूजा, दान-पुण्य कर सकते हैं। इसीलिए जब तक शरीर स्वस्थ है, हमें पुण्य कर्म कर लेना चाहिए।
- हमारे अच्छे काम ही हमारा जीवन सफल कर सकते हैं। मृत्यु के बाद कोई भी कुछ नहीं कर सकता है।

कौन थे आचार्य चाणक्य?
पुराने समय जब भारत छोटे-छोटे राज्यों में बंटा हुआ था, तब चाणक्य ने पूरे देश को फिर से एक सूत्र में बांधा था। उस समय विदेशी शासक सिकंदर भारत पर आक्रमण करने के लिए भारतीय सीमा तक आ पहुंचा था। तब आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों से भारत की रक्षा की थी। चाणक्य ने अपने प्रयासों और अपनी कूट नीतियों से एक सामान्य बालक चंद्रगुप्त को भारत का एक छत्र सम्राट बनाया।

Share this article
click me!

Latest Videos

खराब हो गया पीएम मोदी का विमान, एयरपोर्ट पर ही फंस गए प्रधानमंत्री । PM Modi । Deoghar Airport
Dehradun Car Accident CCTV Video: हादसे से पहले कैमरे में कैद हुई इनोवा | ONGC Chowk
पहली बार सामने आया SDM थप्पड़ कांड का सच, जानें उस दोपहर क्या हुआ था । Naresh Meena । Deoli-Uniara
क्या है Arvind Kejriwal का मूड? कांग्रेस के खिलाफ फिर कर दिया एक खेल । Rahul Gandhi
'मुझे लव लेटर दिया... वाह मेरी महबूबा' ओवैसी का भाषण सुन छूटी हंसी #Shorts