सार
वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज लाखों युवाओं के प्रेरणास्त्रोत बन चुके हैं। उनकी बातों को मानकर युवा नशा और मांसाहार भी छोड़ चुके हैं। प्रेमानंद बाबा बातों ही बातों में कईं बार अपने जीवन का संस्मरण भी सुनाते हैं, जो बहुत रोचक होते हैं।
Viral video of Premananda Maharaj: वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज से मिलने रोज हजारों लोग आते हैं। इनमें से अधिकांश युवा होते हैं जो महाराज जी की बात मानकर नशा और मांसाहार आदि गलत आदतों को छोड़ चुके हैं। प्रवचन के दौरान कईं बार प्रेमानंद महाराज अपने जीवन के संस्मरण भी सुनाते हैं। प्रेमानंद बाबा ने अपने जीवन का ऐसा ही एक संस्मरण अपने भक्तों के साथ साझा किया। इस घटना के बाद से ही प्रेमानंद बाबा के मन में सांसारिक जीवन को छोड़ने का मन बना। जानें कौन-सी है वो घटना…
‘शरीर में आत्मा कहां रहती है?’ प्रेमानंद महाराज ने बताया रहस्य
ये है वो घटना
प्रेमानंद बाबा ने बताया कि ‘जब वे छोटे बालक थे तब एक बार गर्मियों की छुटि्टयों में अपनी माता के साथ किसी रिश्तेदार के घर गए। वहां उन्होंने देखा कि एक कमरे में नौजवान व्यक्ति असहाय अवस्था में पड़ा हुआ है। भगवान की प्रेरणा से उसने मुझे बुलाया और रोने लगे। उसने व्यक्ति ने कहा कि ‘ये जो बिल्डिंग तुम देख रहे हो ना, ये मेरी बनवाई हुई है। किसी समय शहर के बाजार में मेरी चाय-समोसे की दुकान थी।’
‘मैं अपनी दुकान में सुबह से शाम तक मेहनत करता था। जब घर आता तो मेरी पत्नी मेरे जूते-मोजे उतारती थी और मुझे प्यार करती थी। लेकिन अब मेरे शरीर को लकवा मार चुका है, जिसके कारण में उठ नहीं सकता। अब यही जो मुझे प्यार करती थी, वो मुझे 2 रोटी से ज्यादा खाने को नहीं देती। बोलती है ज्यादा भोजन देंगे तो बार-बार शौच करोगे और मुझे फेंकना पड़ेगा।‘
‘मेरी पत्नी मुझे मारती भी है, बात नहीं करती और हमेशा चिल्लाती रहती है। मेरे सामने दूसरे पुरुष को बुलाती है और बात करती है। मैं चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता। ये बात किसी और को मत बताना, नहीं तो मेरी पत्नी मेरे साथ बुरा व्यवहार करेगी।’
इस घटना ने बदल दी सोच
प्रेमानंद बाबा ने बताया कि इस घटना के बाद उनकी सोच बदल गई। संसार से उन्हें विरक्ति होने लगी और ईश्वर की शरण में जाने का विचार और दृढ हो गया। इसी घटना के फलस्वरूप संसार से उनका मोह त्याग हो गया।
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