Mahashivratri 2022: इस मंदिर में 1-2 नहीं अलग-अलग रंगों के 4 शिवलिंग हैं, खुदाई में मिला था ये स्थान

हमारे देश में कई ऐसे स्थान हैं जो किसी को भी हैरान कर सकते हैं। ऐसी ही एक जगह है छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के महासमुंद (Mahasamund) जिले में स्थित सीरपुर (Sirpur)। इस स्थान का ऐतिहासिक के साथ-साथ धार्मिक महत्व भी है। इस जगह कई प्राचीन मंदिर हैं जो कई सौ साल पुराने हैं।
 

उज्जैन. इतिहासकारों का मानना है कि 11वीं सदी में सिरपुर में भयानक भूकंप आया था, जिसके चलते पूरा शहर जमीन में समा गया, सिर्फ कुछ अवशेष ही शेष रह गए उनमें से एक है सुरंग टीला (Surang Tila Temple) मंदिर। इस मंदिर की खुदाई भारतीय पुरातत्व विभाग में सन 2006-07 में की थी। इसके बाद ही इसका वास्तविक स्वरूप सामने आया। इस मंदिर से जुड़ी कई ऐसी बातें है, जो इसे अन्य मंदिरों से अलग बनाती हैं। महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) के अवसर पर हम आपको इस शिव मंदिर से जुड़ी खास बातें बता रहे हैं जो इस प्रकार है…
 

सातवीं शताब्दी में हुआ था मंदिर का निर्माण
इतिहासकारों की मानें तो मंदिर का निर्माण महाशिवगुप्त बलार्जुन ने सातवीं शताब्दी में वास्तुकला की पंचायतन शैली में करवाया था। जिसके केंद्र में मुख्य मंदिर और कोने में चार मंदिर हैं। मुख्य मंदिर में पांच गर्भगृह हैं, जिनमें से चार में पूजा के लिए चार अलग-अलग प्रकार के शिव लिंग हैं, जिनमें क्रमशः सफेद, लाल, पीले और काले रंग हैं। शेष गर्भगृह में एक श्रीगणेश की मूर्ति है। 32-स्तंभित मण्डप में ये पाँच गर्भगृह हैं। परिसर में तीन तांत्रिक मंदिर हैं, जो ब्रह्मा, विष्णु और शिव को समर्पित हैं। माना जाता है कि प्रवेश द्वार मंदिर के समीप बहने वाली नदी के पास स्थित था। 2005-06 में सुरंग टीला के विशाल मंदिर का पता लगाया गया था। मंदिर का परिसर एक विशाल क्षेत्र को कवर करता है और मुख्य मंदिर 37 खड़ी चूना पत्थर की सीढ़ियों की उड़ान से ऊंचा खड़ा है। 

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कभी श्रीपुर था इस स्थान का नाम
रायपुर से 90 किमी दूर महानदी तट पर स्थित है यह सिरपुर। छठी एवं सातवीं शती यानी आज से लगभग 1500 वर्ष पूर्व श्रीपुर के नाम से यह शहर आसपास के क्षेत्र का बड़ा बाजार हुआ करता था। इस शहर की मूर्ति व स्थापत्य कला के जो अवशेष मिल रहे हैं, वे अपने आप में पुराने वैभव की गाथा कह रहे हैं। शरभपुरीय शासकों के काल में महत्व प्राप्त सिरपुर को आधुनिक पहचान देने का कार्य जेडी वेगलर, ए कनिधम ने 1871-72 ईं. में किया। सिरपुर के उत्खनन का प्राथमिक श्रेय प्रो. मोरेश्वर गंगाधर दीक्षित को जाता है। उनके निर्देशन में सन 1953-54, 1954-55, 1955-56 में उत्खनन हुआ था। 

कैसे पहुंचें?
सिरपुर छत्तीसगढ़ राज्य के महासमुंद जिले का एक गांव है। रायपुर से 78 किमी दूर और महासमुंद से 35 किमी दूर है। दोनों ही स्थानों पर ट्रेन और बस स्टेशन हैं। यहां से सिरपुर आसानी से पहुंचा जा सकता है। सिरपुर से निकटतम हवाई अड्डा रायपुर में है ।

 

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