Ganesh Utsav 2022: किन देशों में 'कांगितेन' और 'फ्ररा फिकानेत' के नाम से पूजे जाते हैं श्रीगणेश?

Ganesh Utsav 2022: इन दिनों पूरे देश में गणेश उत्सव की धूम है। हर कोई भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहा है। प्रमुख गणेश मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। गणेश उत्सव 9 सितंबर तक मनाया जाएगा।

उज्जैन. हिंदू धर्म में भगवान श्रीगणेश को प्रथम पूज्य कहा जाता है यानी किसी भी शुभ कार्य से पहले इनकी पूजा जरूर की जाती है। लेकिन आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि अन्य कई देशों में भी भगवान श्रीगणेश की पूजा की परंपरा है। ये देश हैं- चीन, जापान, इंडोनेशिया, थाईलैंड और श्रीलंका। इनके अलावा गणेश जी की प्राचीन मूर्तियां अफगानिस्तान, ईरान, म्यांमार, नेपाल, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम, मंगोलिया, ब्रुनेई, बुल्गारिया, मेक्सिको आदि देशों में भी मिल चुकी हैं। आगे जानिए किस देश में श्रीगणेश की पूजा कौन-से नाम से की जाती है…

जापान में कांगितेन कहलाते हैं श्रीगणेश
जापान में भगवान गणेश को 'कांगितेन' के नाम से जाना जाता हैं, जो जापानी बौद्ध धर्म से संबंध रखते हैं। कांगितेन का अर्थ है आनंद के देवता। जापान में कांगितेन कई रूपों में पूजे जाते हैं, लेकिन इनका दो शरीर वाला स्वरूप सर्वाधिक प्रचलित है। चार भुजाओं वाले गणपति का भी वर्णन यहां मिलता है। इनके एक हाथ में कुल्हाडी और दूसरे हाथ में मूली दिखाई देती है।

श्रीलंका में कहलाते हैं पिल्लयार
भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका के तमिल बहुल क्षेत्रों में काले पत्थर से निर्मित भगवान पिल्लयार (गणेश) की पूजा की जाती है। श्रीलंका में गणेश के 14 प्राचीन मंदिर स्थित हैं। कोलंबो के पास केलान्या गंगा नदी के तट पर स्थित केलान्या में कई प्रसिद्ध बौद्ध मंदिरों में भगवान गणेश की मूर्तियां स्थापित हैं। भगवान श्रीगणेश के इस नाम का उल्लेख शास्त्रीय तमिल साहित्य में भी मिलता है ।

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थाईलैंड में कहलाते हैं फ्ररा फिकानेत
थाईलैंड में श्रीगणेश को 'फ्ररा फिकानेत' के रूप में पूजा जाता है। यहां इन्हें सभी परेशानियों को दूर करने वाला और सफलता का देवता माना जाता है। नए व्यवसाय और शादी आदि खास अवसरों पर उनकी पूजा मुख्य रूप से की जाती है। गणेश चतुर्थी के साथ ही वहां गणेश जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। 

इंडोनेशिया के नोट पर छपी है श्रीगणेश की तस्वीर
इंडोनेशिया एक मुस्लिम देश हैं लेकिन यहां भारतीय धर्म का अच्छा-खास प्रभाव देखने को मिलता है। यहां श्रीगणेश के साथ-साथ भगवान श्रीराम, हनुमान आदि देवी-देवताओं की पूजा भी की जाती है। यहां के नोट पर भी गणेश जी की तस्वीर है। इंडोनेशिया में भगवान श्रीगणेश को ज्ञान का प्रतीक माना जाता है।


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