अनंग त्रयोदशी 16 दिसंबर को, करें शिव-पार्वती के साथ रति-कामदेव की पूजा, मैरिड लाइफ बनी रहेगी खुशहाल

Published : Dec 15, 2021, 03:40 PM ISTUpdated : Dec 15, 2021, 03:52 PM IST
अनंग त्रयोदशी 16 दिसंबर को, करें शिव-पार्वती के साथ रति-कामदेव की पूजा, मैरिड लाइफ बनी रहेगी खुशहाल

सार

अगहन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को अनंग त्रयोदशी (Anang Trayodashi 2021) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 16 दिसंबर, गुरुवार को है। इस तिथि पर भगवान शिव-पार्वती के साथ-साथ कामदेव और रति की पूजा भी की जाती है। इस व्रत से दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहती है।

उज्जैन. पंचांग के अनुसार, इस बार मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 15 दिसंबर की रात 02.01 पर होगा। जिसका समापन 17 दिसंबर को सुबह 04.40 मिनट पर होगा। इस दिन अनंग त्रयोदशी (Anang Trayodashi 2021) के साथ-साथ प्रदोष व्रत भी है। इस दिन शिव योग और सिद्ध योग का संयोग भी बन रहा है।

अनंग त्रयोदशी व्रत का महत्व
जब भगवान शिव सती वियोग के कारण ध्यान में लीन हो गए थे और तीनों लोक में तारकासुर का अत्याचार बढ़ गया था, तब देवताओं ने कामदेव और रति की मदद से शिव जी का ध्यान भंग करने की योजना बनाई। कामदेव और रति ने महादेव का ध्यान भंग कर दिया, नाराज भगवान शिव ने अपने तीसरे नेत्र की अग्नि से कामदेव को भस्म कर दिया। यह देखकर रति विलाप करने लगीं, तब देवताओं ने महादेव को सारी बातें बताई। तब भगवान शिव ने रति से कहा कि कामदेव इस समय अनंग हैं, वे बिना अंगों वाले हैं, बिना शरीर के हैं। कामदेव ने प्रद्युम्न के रूप में द्वापर युग में जन्म लिया और शरीर पाया। इस घटना के बाद से ही अनंग त्रयोदशी मनाई जाने लगी. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ कामदेव और रति की पूजा होने लगी.

पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई करें। इसके बाद नित्य कर्मों से निवृत होकर स्नान ध्यान करें और स्वच्छ सफ़ेद वस्त्र धारण करें। अब भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। इसके बाद कामदेव और रति की भी पूजा करें। साथ ही वैवाहिक जीवन के सुखमय होने की प्रार्थना करें। पूरे दिन उपवास रखें (चाहें तो फल खा सकते हैं)। शाम को पुन: एक बार पूजा करने के बाद भोजन करें। इस प्रकार अनंद त्रयोदशी की पूजा और व्रत करने से वैवाहिक जीवन से जुड़ी हर परेशानी दूर हो सकती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

 

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