Holi 2022: होली पर बंगाल में इस ड्रेस कोड के साथ निकालते हैं जुलूस, छत्तीसगढ़ में फागुन को देते हैं न्यौता

होली (Holi 2022) हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस बार 17 मार्च को होलिका दहन (Holika Dahan 2022) किया जाएगा और 18 मार्च को होली (धुरेड़ी) खेली जाएगी। होली के मौके पर अलग-अलग राज्यों में कई तरह की अनोखी परंपराएं निभाई जाती हैं।

Asianet News Hindi | Published : Mar 15, 2022 8:11 AM IST

उज्जैन. आज हम आपको बंगाल (Dol Jatra Bengal) और छत्तीसगढ़ की होली (Chhattisgarh Holi) की परंपराओं के बारे में बता रहे हैं। बंगाल में होली के एक दिन पहले दोल जात्रा निकाली जाती है, जिसे दोल उत्सव भी कहते है। इस दिन महिलाएं परंपरागत कपड़े पहनकर शंख बजाते हुए भगवान श्रीकृष्ण और देवी राधा की पूजा करती हैं। जबकि छत्तीसगढ़ में होली को होरी कहा जाता है और ढोल-नगाड़ों की थाप पर राधा-कृष्ण के लोकगीत गाए जाते हैं। आगे जानिए इन दोनों प्रदेशों में होली से जुड़ी खास बातें…

ये भी पढ़ें- Holi 2022: बरसाने में खेली जाती है लट्‌ठमार होली, कैसे शुरू हुई ये परंपरा, क्या आप जानते हैं ये खास बातें?

दोल का अर्थ है झूला
- दोल जात्रा पश्चिम बंगाल का एक प्रसिद्ध त्यौहार है जिसे भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम को याद करते हुए मनाया जाता है। इस दिन को बंगाली वर्ष या कैलंडर का अंतिम पर्व भी माना जाता है। 
- दोल शब्द का मतलब झूला होता है। झूले पर राधा-कृष्ण की मूर्ति रख कर महिलाएँ भक्ति गीत गाती हैं और उनकी पूजा करती है। इस दिन प्रभात फेरी यानी जुलूस भी निकाला जाता है, जिसमें गाजे-बाजे के साथ, कीर्तन और गीत गाए जाते हैं।  
- प्रभात फेरी में शामिल होकर लोग नाचते हैं, एक-दूसरे को रंग लगाते हैं, खूब सारे संगीत और शंख के पवित्र ध्वनि के साथ आगे बढ़ते हैं। रंग के पाउडर को बंगाली में अबीर और ओडिया में फगु कहते है।
- प्रभात फेरी में महिलाओं और पुरुषों के लिए खास ड्रेस कोड होता है। महिलाएं जहां लाल किनारी वाली पीली साड़ी में होती हैं, वहीं पुरुष धोती और कुर्ता पहनकर इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं।

ये भी पढ़ें- Holi 2022: होली की रात है बहुत खास, ये उपाय करने से हो सकता है धन लाभ और दूर हो सकती हैं परेशानियां
 

छत्तीसगढ़ में खेली जाती है ‘होरी’
- छत्तीसगढ़ में होली को होरी के नाम से जाना जाता है। इस पर्व पर लोक गीतों की परंपरा है। वसंत के आते ही छत्तीसगढ़ की गली-गली में नगाड़े की थाप के साथ राधा-कृष्ण के प्रेम प्रसंग भरे गीत जन-जन के मुंह से बरबस फूटने लगते हैं।
- किसानों के घरों में होली से पहले ही नियमित रूप से हर दिन पकवान बनने की परंपरा शुरू हो जाती है, जिसे तेलई चढ़ना कहते हैं। छत्तीसगढ में लड़कियां विवाह के बाद पहली होली अपने माता-पिता के गांव में ही मनाती है एवं होली के बाद अपने पति के गांव में जाती हैं। 
- गांव के चौक-चौपाल में फाग के गीत होली के दिन सुबह से देर शाम तक निरंतर चलते हैं। रंग भरी पिचकारियों से बरसते रंगों एवं उड़ते गुलाल में मदमस्त छत्तीसगढ़ के लोग अपने फागुन महाराज को अगले वर्ष फिर से आने की न्यौता देते हैं।

ये भी पढ़ें-

15 मार्च से 14 अप्रैल तक मीन राशि में रहेगा सूर्य, आपकी पर्सनल लाइफ पर कैसा होगा इसका असर, जानिए


Holi 2022: होली से जुड़े ये 4 लाइफ मैनेजमेंट टिप्स जीवन में हर कदम पर आपके काम आएंगे

Holi 2022: 3 शुभ योगों के संयोग में होगा होलिका दहन, कम होगा बीमारी का संक्रमण, मंहगाई पर लगेगी रोक

2 अप्रैल से आरंभ होगी चैत्र नवरात्रि, बनेगा शनि-मंगल का शुभ योग, ग्रहों की स्थिति दिलाएगी शुभ फल
 

Latest Videos

Share this article
click me!

Latest Videos

LIVE: हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव परिणाम 2024 | ब्रेकिंग न्यूज़ और अपडेट
हरियाणा में जीत की हैट्रिक के बाद BJP कार्यालय पर PM Modi भव्य वेलकम
कौन है हरियाणा जीत में BJP की जीत का हीरो,5 Point में जानें कांग्रेस के जबड़े से कैसे छीनी जीत
LIVE: जयराम रमेश और पवन खेड़ा द्वारा कांग्रेस पार्टी की ब्रीफिंग
हरियाणा चुनाव 2024 क्यों बुरी तरह हारी कांग्रेस? जानें 10 सबसे बड़े कारण । Election Result