Kansa Vadh 2022: क्या आप जानते हैं कंस के पिछले जन्म से जुड़ी ये रहस्यमयी बातें?

Kansa Vadh 2022: भगवान विष्णु ने द्वापरयुग में श्रीकृष्ण अवतार लेकर कंस का वध किया था। कंस रिश्ते में श्रीकृष्ण के मामा थे। कंस के बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है, जबकि ग्रंथों में कंस के बारे में काफी कुछ बताया गया है। 
 

Manish Meharele | / Updated: Nov 03 2022, 06:00 AM IST

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण के कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मथुरा के राजा कंस का वध किया था। इस बार ये तिथि 3 नवंबर, गुरुवार को है। मथुरा, वृंदावन और इसके आस-पास के क्षेत्रों में ये दिन कंस वध उत्सव (Kansa Vadh 2022) के रूप में मनाया जाता है। कंस श्रीकृष्ण का मामा था, ये बात तो सभी जानते हैं, लेकिन वो पिछले जन्म में कौन-था, इसके बारे में कम ही लोगों को पता है। कंस वध उत्सव के मौके पर हम आपको कंस से जुड़ी कुछ खास बातें बता रहे हैं, जो इस प्रकार है…

पिछले जन्म में कौन था कंस?
धर्म ग्रंथों के अनुसार, कंस पिछले जन्म में कालनेमि नाम का एक राक्षस था। उस समय भगवान विष्णु ने ही इसका वध किया था। कालनेमि के पिता असुरों का राजा विरोचन थे। एक बार देवासुर संग्राम के दौरान कालनेमि ने क्रोधित होकर भगवान विष्णु पर अपने त्रिशूल से प्रचंड वार किया। श्रीहरि ने खेल ही खेल में उस त्रिशूल को पकड़ लिया और उसी से कालनेमि का वध कर दिया। यही कालनेमि द्वापर युग में कंस के रूप में राजा उग्रसेन का पुत्र बना और श्रीकृष्ण का मामा।

कंस की कितनी पत्नियां थीं?
महाभारत के अनुसार, कंस की 2 पत्नियां थीं। इनका नाम अस्ति और प्राप्ति था। ये दोनों मगध के शक्तिशाली राजा जरासंध की बेटियां थीं। जब श्रीकृष्ण ने कंस का वध किया तो जरासंध ने कई बार मथुरा पर हमला किया, लेकिन हर बार उसे हार का सामना करना पड़ा। बाद में श्रीकृष्ण ने भीम के हाथों जरासंध का वध करवाया।

जब अपनी बहन को ही बना दिया बंदी
कंस अपनी चचेरी बहन देवकी को बहुत प्रेम करता था। कंस ने वसुदेव से देवकी का विवाह करवाया। जब देवकी की विदाई हो रही थी, उसी समय आकाशवाणी हुई कि देवकी आठवां पुत्र ही कंस की मृत्यु का कारण बनेगा तो कंस ने देवकी और वसुदेव को बंदी बनाकर मथुरा का कारागार में बंद कर दिया।

यहां होती है कंस की पूजा
कंस को जहां बुराई के रूप में देखा जाता है, वहीं भारत में एक जगह ऐसी भी है जहां कंस की पूजा की जाती है। ये जगह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से हरदोई की तरफ जाते हुए मार्ग में है, जहां रावण की एक विशाल प्रतिमा स्थापित है। यहां के निवासियों को भी इस बात की जानकारी नहीं कि गांव में कंस की पूजा क्यों की जाती है?


ये भी पढ़ें-

Rashi Parivartan November 2022: नवंबर 2022 में कब, कौन-सा ग्रह बदलेगा राशि? यहां जानें पूरी डिटेल

Devuthani Ekadashi 2022: देवउठनी एकादशी पर क्यों किया जाता है तुलसी-शालिग्राम का विवाह?

Kartik Purnima 2022: कब है कार्तिक पूर्णिमा, इसे देव दीपावली क्यों कहते हैं?
 

Share this article
click me!