एक दोस्त ने दूसरे को थप्पड़ मारा फिर जान भी बचाई “पहली घटना उसने रेत पर लिखी और दूसरी पत्थर पर…ऐसा क्यों?

हमारे आस-पास ऐसे अनेक लोग होते हैं जो बहुत खास होते हैं। ये हमारे दोस्त भी हो सकते हैं और रिश्तेदार भी। छोटी-छोटी बातों पर कई बार हमारा उनसे मनमुटाव भी हो जाता है। उस समय हम ये भूल जाते हैं कि ये वहीं लोग हैं, जिन्होंने बुरे वक्त में कभी हमारा साथ भी दिया था।

उज्जैन. हमारे आस-पास कई ऐसे लोग होते हैं जो कभी हमारे साथ गलत व्यवहार करते हैं तो कभी मुश्किलों में साथ देने को तैयार हो जाते हैं। ऐसे लोगों की छोटी-मोटी गलतियों को माफ कर देना चाहिए। Asianetnews Hindi Life Management सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के अंतर्गत आज हम आपको ऐसा प्रसंग बता रहे हैं जिसका सार यही है कि जिस व्यक्ति ने बुरे समय पर हमारा साथ दिया हो, उसे कभी भूलना नहीं चाहिए।

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जब दोस्तों के बीच हो गया विवाद…
एक बार दो दोस्त साथ-साथ एक रेगिस्तान में चले जा रहे थे। रास्ते में दोनों में कुछ कहासुनी हो गई। बहसबाजी में बात इतनी बढ़ गई की उनमे से एक दोस्त ने दूसरे के गाल पर जोर से थप्पड़ मार दिया। 
जिस मित्र को थप्पल पड़ा उसे दुःख तो बहुत हुआ किंतु उसने कुछ नहीं कहा वो बस झुका और उसने वहां पड़े बालू पर लिख दिया
"आज मेरे सबसे खास दोस्त ने मुझे थप्पड़ मारा।"
दोनों मित्र आगे चलते रहे और उन्हें एक-छोटा सा पानी का तालाब दिखा और उन दोनों ने पानी में उतर कर नहाने का निर्णय कर लिया। जिस दोस्त को थप्पड़ पड़ा था, वह दलदल में फँस गया और डूबने लगा, लेकिन दूसरे दोस्त ने उसे बचा लिया। जब वह बच गया तो बाहर आकर उसने एक पत्थर पर लिखा।
"आज मेरे दोस्त ने मेरी जान बचाई। "
जिस मित्र ने उसे थप्पड़ मारा था और फिर उसकी जान बचाई थी। वह काफी सोच में पड़ा रहा और जब उससे रहा न गया तो उसने पूछा "जब मैंने तुम्हे मारा था तो तुमने बालू पर लिखा और जब मैंने तुम्हारी जान बचाई तो तुमने पत्थर पर लिखा, ऐसा क्यों ?"
इस पर दूसरे दोस्त ने उत्तर दिया " जब कोई हमारा दिल दुखाये तो हमें उस अनुभव के बारे में बालू पर लिखना चाहिए क्योंकि उस चीज को भुला देना ही अच्छा है। क्षमा रूपी वायु शीघ्र ही उसे मिटा देगी किंतु जब कोई हमारे साथ कुछ अच्छा करे, हम पर उपकार करे तो हमें उस अनुभव को पत्थर पर लिख देना चाहिए जिससे कि कोई भी जल्दी उसको मिटा न सके।"
दोनों दोस्त गले मिले और पुरानी बातें भूलकर आगे की यात्रा करने लगे।

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निष्कर्ष ये है कि..
जब कोई हमारे साथ गलत व्यवहार करे तो उसे माफ कर देना चाहिए और उस घटना को भूलने की कोशिश करनी चाहिए। जबकि जो व्यक्ति बुरे समय में हमारा साथ दे, उसे किसी भी स्थिति में भूलना नहीं चाहिए। वक्त आने पर हमें भी उसका साथ देना चाहिए।

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