जीवन में कई बार हम ऐसी परेशानी में फंस जाते हैं, जब हमें लगता है कि इससे बाहर निकलने का कोई रास्ता ही नहीं है। जबकि ऐसा होता नहीं है। परेशानी कितनी भी बड़ी क्यों न हो अगर हम अपनी सोच सकारात्मक रखेंगे तो उसका हल ढूंढ सकते हैं।
उज्जैन. मुसीबत आने पर हमें सिर्फ ये करना है तो नकारात्मकता को हमारे ऊपर हावी नहीं होने देना है और समस्या से निकलने के लिए हरसंभव प्रयास करना है। Asianetnews Hindi Life Management सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के अंतर्गत आज हम आपको ऐसा प्रसंग बता रहे हैं जिसका सार यही है कि मुसीबत के सामने आसानी से हार नहीं मानना चाहिए।
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जब गधा गिर गया कुएं में
बहुत समय पहले की बात है , किसी गाँव में एक किसान रहता था। उसके पास बहुत सारे जानवर थे। उन्ही में से एक गधा भी था। एक दिन जब गधा खेत में चारा खा रहा था, वही वह खेत में बने एक पुराने सूखे कुएं के पास जा गिरा। गिरते ही उसने जोर -जोर से चिल्लाना शुरू किया।
उसकी आवाज़ सुन कर खेत में काम कर रहे लोग कुएं के पास पहुचे। किसान को भी बुलाया गया। किसान ने स्थिति का जायजा लिया। उसे गधे पर दया तो आई, लेकिन उसने मन ही मन सोचा कि इस बूढ़े गधे को बचाने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा और इसमें मेहनत भी बहुत लगेगी।
फिर उसने बाकी लोगों से कहा, “मुझे नहीं लगता कि हम किसी भी तरह इस गधे को बचा सकते हैं अतः आप सभी अपने-अपने काम पर लग जाइए, यहाँ समय गंवाने से कोई लाभ नहीं।
और ऐसा कह कर वह आगे बढ़ने को ही था की एक मजदूर बोला, ” मालिक, इस गधे ने सालों तक आपकी सेवा की है। इसे इस तरह तड़प-तड़प के मरने देने से अच्छा होगा कि हम उसे इसी कुएं में दफना दें।”
किसान ने भी सहमति जताते हुए उसकी हाँ में हाँ मिला दी। गधा ये सब सुन रहा था और अब वह और भी डर गया, उसे लगा कि मालिक को उसे बचाना चाहिए था लेकिन वो तो उसे दफनाने की योजना बना रहे हैं। यह सब सुन कर वह भयभीत हो गया पर उसने हिम्मत नहीं हारी।
अभी वह अपने विचारों में खोया ही था कि अचानक उसके ऊपर मिटटी की बारिश होने लगी। गधे ने मन ही मन सोचा कि भले कुछ हो जाए वह अपना प्रयास नहीं छोड़ेगा और आसानी से हार नहीं मानेगा और फिर वह पूरी ताकत से उछाल मारने लगा।
किसान ने भी औरों की तरह मिटटी से भरी एक बोरी कुएं में डाल दी और उसमे झाँकने लगा। उसने देखा की जैसे ही मिटटी गधे के ऊपर पड़ती वो उसे अपने शरीर से झटकता और उछल कर उसके ऊपर चढ़ जाता।
किसान भी समझ चुका था कि अगर वह यूँ ही मिटटी डलवाता रहा तो गधे की जान बच सकती है। किसान ने ऐसा ही किया और देखते-देखते गधा कुएं के मुहाने तक पहुँच गया और अंत में कूद कर बाहर आ गया। इस तरह गधे की जान बच गई।
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निष्कर्ष ये है कि…
जीवन में कभी-कभी हमें बहुत बुरी परिस्थिति का सामना करना पड़ता है। कुछ लोग ऐसे में डिप्रेशन में चले जाते हैं तो कुछ सूझ-बूझ के साथ ऐसी स्थिति का सामना करते हुए उसका हल ढूंढ निकालते हैं। हमें भी ऐसा ही करना चाहिए क्योंकि दुनिया में कोई परेशानी ऐसी नहीं, जिसका हल न हो।
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