जन्म लेने के बाद भी कौन बिल्कुल हिलता-डुलता नहीं है? जानें ऐसे ही रोचक सवालों के जवाब

Mahabharata: हमारे धर्म ग्रंथों में कई रोचक प्रश्नों के उत्तर बताए गए हैं, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। ऐसे ही कुछ प्रश्न यक्ष ने युधिष्ठिर से पूछे थे। युधिष्ठिर ने इन सभी सवालों के सही जवाब देकर अपने भाइयों के प्राण बचाए थे।

उज्जैन. महाभारत के अनुसार, जब पांडवों जुएं में शर्त हारने के बाद वनवास में रह रहे थे, तब एक पांडव वन में घूमते-घूमते बहुत थक गए और उन्हें प्यास लगी। तब युधिष्ठिर ने नकुल को पानी लेने भेजा। नकुल नजदीक स्थित तालाब में गया और पानी लेने लगा। तभी आकाशवाणी हुई कि “पानी पीने से पहले तुम्हें मेरे सवालों के जवाब देना होंगे।” नकुल ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया और पानी पी लिया। ऐसा करते ही उनकी मृत्यु हो गई। बाद में यही स्थिति सहदेव, भीम और अर्जुन की भी हुई। सबसे अंत में जब युधिष्ठिर स्वयं पानी लेने आए तब भी वही आकाशवाणी हुई। युधिष्ठिर के आग्रह करने पर यक्ष प्रकट हुए और उन्होंने युधिष्ठिर से कुछ प्रश्न पूछे, जिनका उन्होंने सही-सही जवाब दिया। प्रसन्न होकर यक्ष ने भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव को पुनर्जीवित कर दिया। आगे जानिए यक्ष ने युधिष्ठिर ने क्या-क्या सवाल पूछे थे…

यक्ष ने पूछा- “पृथ्वी से भी भारी क्या है? आकाश से भी ऊंचा क्या है?” 
युधिष्ठिर ने जवाब दिया “माता पृथ्वी से भी भारी है और पिता आकाश से भी ऊंचा है।” 

यक्ष ने पूछा- “हवा से भी तेज चलने वाला क्या है? संख्या में तिनकों से भी ज्यादा क्या है?” 
युधिष्ठिर ने जवाब दिया “हवा से भी तेज गति मन की है। संख्या में तिनकों से भी अधिक चिंता है।”

Latest Videos

यक्ष ने पूछा “रोगी का मित्र कौन है? मृत्यु के समीप व्यक्ति का मित्र कौन है? 
युधिष्ठिर ने जवाब दिया “वैद्य रोगी का मित्र है और मृत्यु के समीप खड़े व्यक्ति का मित्र दान है।

यक्ष ने पूछा “लाभों में प्रधान लाभ क्या है और सुखों में उत्तम सुख कौन-सा है? 
युधिष्ठिर ने जवाब दिया “स्वस्थ शरीर सबसे प्रधान लाभ है और सबसे उत्तम सुख है संतोष।” 

यक्ष ने पूछा “दुनिया में श्रेष्ठ धर्म क्या है, किसको वश में रखने से मनुष्य शोक नहीं करते?” 
युधिष्ठिर ने जवाब दिया “दया दुनिया में श्रेष्ठ धर्म है, मन को वश में रखने से शोक नहीं होता।”

यक्ष ने पूछा “ किस वस्तु को त्यागकर मनुष्य धनी और सुखी होता है? 
युधिष्ठिर ने जवाब दिया “काम-वासना को त्यागकर मनुष्य धनी होता है और लालच को त्यागकर सुखी।” 

यक्ष ने पूछा “उत्तम दया किसका नाम है और सरलता क्या है? 
युधिष्ठिर ने जवाब दिया “सबके सुख की इच्छा रखना ही उत्तम दया है, सुख-दुःख में मन का एक जैसा रहना ही सरलता है।”

यक्ष ने पूछा “मधुर वचन बोलने वाले को क्या मिलता है? सोच-विचारकर काम करने वाला क्या पाता है?” 
युधिष्ठिर ने जवाब दिया “मधुर वचन बोलने वाला सबको प्रिय होता है और सोच-विचारकर काम करने से काम में जीत हासिल होती है।” 

यक्ष ने पूछा “सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है?”
युधिष्ठिर ने जवाब दिया “हर रोज संसार से प्राणी यमलोक जाते हैं, लेकिन जो बचे हुए हैं, वे हमेशा जीने की इच्छा रखते हैं। यही सबसे बड़ा आश्चर्य है।

यक्ष ने पूछा “सो जाने पर पलक कौन नहीं मूंदता है? उत्पन्न होने पर चेष्टा कौन नहीं करता? 
युधिष्ठिर ने जवाब दिया “मछली सो जाने पर भी पलक नहीं मुंदती है। अंडा उत्पन्न होने पर भी चेष्टा नहीं करता यानी हिलता-डुलता नहीं है।”

यक्ष ने पूछा “ हृदय किसमें नहीं है? वेग से कौन बढ़ता है?
युधिष्ठिर ने जवाब दिया “ पत्थर में हृदय नहीं है और नदी वेग से बढ़ती है।


ये भी पढ़ें-

Shraddha Paksha 2022: श्राद्ध के लिए श्रेष्ठ है ये नदी, मगर श्राप के कारण जमीन के ऊपर नहीं नीचे बहती है


पितृ पक्ष में सपने में दिखते हैं पूर्वज, तो है कुछ बड़ी वजह.. जानिए उनकी मुद्रा क्या दे रही है संकेत 

Shraddha Paksha 2022: कब से कब तक रहेगा पितृ पक्ष, मृत्यु तिथि पता न हो तो किस दिन करें श्राद्ध?
 

Share this article
click me!

Latest Videos

आसान है पुरानी कार पर GST का नया नियम, यहां समझें हर एक बात । Nirmala Sitharaman । GST on Cars
अब पानी पर चीन करेगा कब्जा! भारत बांग्लादेश को होगी मुश्किल
CM भजनलाल शर्मा की पत्नी और बेटे करते दिखे दंडवत परिक्रमा, 16 सालों से चल रहा है सिलसिला
Kota में पति की Retirement Party में पत्नी को आया Heart Attack, रुला देगी ये कहानी
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का निधन, 92 साल की उम्र में ली आखिरी सांस #short