Navratri 2022: इस मुस्लिम देश में है देवी का ऐतिहासिक मंदिर, यहां रामायण को कहते हैं ‘काकविन’

Published : Sep 29, 2022, 04:24 PM IST
Navratri 2022: इस मुस्लिम देश में है देवी का ऐतिहासिक मंदिर, यहां रामायण को कहते हैं ‘काकविन’

सार

पुरातन समय में हिंदू धर्म सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं था बल्कि अन्य कई देशों में भी इसका अस्तित्व था। आज भी कई ऐसे देश हैं जहां हिंदू धर्म की झलक देखने को मिलती हैं। इंडोनेशिया भी एक ऐसा ही देश है।  

उज्जैन. हमारे देश में देवी के कई प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मंदिर हैं। नवरात्रि (Navratri 2022) के दौरान इन मंदिरों में खासी भीड़ उमड़ती है। इस बार ये पर्व 4 अक्टूबर, मंगलवार तक मनाया जाएगा। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया (Indonesia) में भी कई हिंदू मंदिर है, जो बहुत खास है। ऐसा ही एक मंदिर है पुरा तमन सरस्वती मंदिर (Pura Taman Saraswati Mandir)। ये मंदिर ज्ञान की देवी सरस्वती को समर्पित है। ये मंदिर इंडोनेशिया के एक द्वीप बाली पर स्थित है। इस मंदिर को इंडोनेशिया का सबसे सुंदर और पवित्र मंदिर माना जाता है।
 
1952 में बना है ये मंदिर

बाली में स्थित पुरा तमन सरस्वती मंदिर अधिक पुराना नहीं है। इतिहासकारों के अनुसार, इसका निर्माण सन 1951 में शुरू हुआ और 1952 में ये मंदिर बनकर तैयार हो गया। वैसे तो इस मंदिर में कई देवी-देवताओं की कई मूर्तियां हैं, लेकिन मुख्यतः यह स्थान मुख्य रूप से देवी सरस्वती के लिए जाना जाता है। हिंदू धर्म की तरह यहां भी देवी सरस्वती को विद्या, ज्ञान और संगीत की देवी कहा जाता है। यहां प्रतिदिन संगीत कार्यक्रम होते रहते हैं, जिसे देखने लोगों की भीड़ उमड़ती है।

तालाब है प्रमुख आकर्षण
पुरा तमन मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण यहां का कमल तालाब और जल उद्यान है। ये मंदिर परिसर में ही स्थित है। इसीलिए इस मंदिर को जल पैलेस मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस तालाब में हजारों कमल के फूल खिले हुए नजर आते हैं। 19वीं शताब्दी में निर्मित पुरा तमन सरस्वती मंदिर उन सबसे पुराने मंदिरों में से एक है, जिन्हें उबुद के राजकुमार के दौर में बनाया गया था। 

मुस्लिम राष्ट्र इंडोनेशिया में रामायण की झलक
इंडोनेशिया एक मुस्लिम देश है, इसके बावजूद यहां भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। यहां के लोगों के दिल में भगवान राम के लिए खास सम्मान है। इस देश के मुस्लिम रामायण को पूजनीय ग्रंथ मानते हैं। लेकिन भारत की रामायण और यहां की रामायण में काफी अंतर भी है। इंडोनेशिया में रामायण को ककनिक के नाम से जानते हैं। इसके रचयिता कवि योगेश्वर हैं।


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