श्रीरामचरित मानस: इन 4 लोगों का त्याग तुरंत देना चाहिए नहीं तो बाद में पछताना पड़ता है

गोस्वामी तुलसीदास (Goswami Tulsidas) ने अनेक ग्रंथों की रचना की है। इनमें से रामचरित मानस (Shri Ramcharitmanas) प्रमुख है। ये ग्रंथ अवधी भाषा में लिखा गया है, जो उस समय की सबसे प्रचलित भाषा थी।

Asianet News Hindi | Published : Oct 11, 2021 2:15 PM IST

उज्जैन. श्रीरामचरित मानस में तुलसीदासजी ने न सिर्फ भगवान श्रीराम के जीवन का वर्णन किया है बल्कि लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्र भी बताए हैं। ये सूत्र आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। गोस्वामी तुलसीदास (Goswami Tulsidas) जी ने अपनी एक चौपाई में बताया है कि वो कौन-से 4 लोग हैं जो हमें कष्ट पहुंचा सकते हैं और उन लोगों का त्याग कर देना ही बेहतर हैं। आगे जानिए इन 4 लोगों के बारे में…

गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है कि — 
सेवक सठ नृप कुपन कुनारी,
कपटी मित्र सूल समचारी।
सखा सोच त्यागहु बल मोरें,
सब बिधि घटब काज में तौरें।।
अर्थात्-  मूर्ख नौकर, कपटी राजा, चरित्रहीन नारी और दुष्ट मित्र उस तीर के समान होते हैं, जो चुभने पर सिर्फ और सिर्फ कष्ट देता है। इसलिए ऐसे लोगों का त्याग करना ही बेहतर है।

मूर्ख नौकर
आपका नौकर यदि मूर्ख है तो तुरंत उसका त्याग कर देना चाहिए क्योंकि जाने-अनजाने में वो कोई ऐसा काम कर सकता है जो भविष्य में आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है या जिससे कारण आपकी प्रतिष्ठा खराब हो सकती है। मूर्ख नौकर अपनी हरकतों के कारण आपको मुसीबत में डाल सकता है।

कपटी राजा
जिस राज्य में कपटी राजा हो, उस स्थान का त्याग भी तुरंत ही कर देना चाहिए। कपटी राजा अपने हित के लिए किसी को भी नुकसान पहुंचा सकता है और निजी हित के लिए प्रजा के प्राण भी संकट में डाल सकता है।

चरित्रहीन नारी
ऐसी स्त्री से हमेशा बचकर ही रहना चाहिए। ये एक महान अवगुण है, इस एक अवगुण के चलते स्त्री में सोचने-समझने की क्षमता बिल्कुल खत्म हो जाती है और वह बिना अच्छे-बुरे का विचार किए कुछ भी कर सकती है। इसका असर पूरे परिवार पर भी हो सकता है। इसलिए चरित्रहीन नारी का त्याग कर देना ही बेहतर है।

दुष्ट मित्र
सिर्फ मित्रता ही एक ऐसा संबंध है, जिसे हम स्वयं चुनते हैं। कई बार गलती से हमारी मित्रता दुष्ट लोगों से भी हो जाती है। समय रहते ही इनसे दूर हो जाना चाहिए क्योंकि उनके द्वारा किए गए गलत कामों का अंजाम हमें भी भुगतना पड़ सकता है।

हिंदू धर्म ग्रंथों की इन शिक्षाओं के बारे में भी पढ़ें

गरुड़ पुराण: जाने-अनजाने में हमसे हो जाती है ये 3 गलतियां, इनके कारण परिवार में होते हैं विवाद

Garuda Purana: इन 4 कामों से हमेशा बचकर रहना चाहिए, इनके कारण हो सकता है जान का खतरा

पूजा के बाद इस विधि से करनी चाहिए आरती, इससे बढ़ता है सुख और सौभाग्य, इन बातों का भी रखें ध्यान

Garuda Purana: ये 4 कारणों से कोई भी व्यक्ति डिप्रेशन में आ सकता है

Garud Puran से जानिए मरने के बाद आत्मा को कैसे मिलती है सजा, कितने प्रकार के हैं नर्क?

 

Share this article
click me!