एक साल में 12 बार आती हैं संक्रांति, तो फिर मकर संक्रांति ही इतनी खास क्यों?

सार

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य जब एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उसे संक्रांति कहते हैं। इस प्रकार साल में 12 संक्रांति होती है यानी हर महीने में एक, लेकिन इन सभी में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है।

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य जब एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उसे संक्रांति कहते हैं। इस प्रकार साल में 12 संक्रांति होती है यानी हर महीने में एक, लेकिन इन सभी में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। पूरे भारत में मकर संक्रांति का पर्व अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है। बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि 12 संक्रांति में सिर्फ मकर संक्रांति का पर्व ही इतनी धूमधाम से क्यों मनाया जाता है। आज हम आपको यही बता रहे हैं…

मकर संक्रांति से बड़े होने लगते हैं दिन

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य 30-31 दिनों में राशि परिवर्तन करता है। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है।
- मकर संक्रांति से पहले सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध में होता है अर्थात भारत से दूर (भारत उत्तरी गोलार्द्ध में है)। इस समय सूर्य दक्षिणायन होता है।
- इसी कारण यहां रातें बड़ी एवं दिन छोटे होते हैं तथा सर्दी का मौसम होता है। मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध की ओर आना शुरू हो जाता है।
- इस दिन से रातें छोटी एवं दिन बड़े होने लगते हैं व गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है। इसे उत्तरायण कहते हैं।
- सूर्य का मकर राशि में जाना बहुत ही शुभ माना जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति से ही देवताओं का दिन शुरू होता है, जिसे उत्तरायण कहते हैं।
- धर्मग्रंथों में उत्तरायण को देवताओं का दिन तथा दक्षिणायन को देवताओं की रात कहा गया है।
- शास्त्रों में उत्तरायण को सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। इसीलिए ये समय जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि के लिए विशेष है।
- मकर संक्रांति पर सूर्य की राशि में हुए परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होना माना जाता है।
- ऐसा जानकर संपूर्ण भारत में लोगों द्वारा विविध रूपों में सूर्यदेव की उपासना व पूजा कर, उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की जाती है।

Latest Videos

मकर संक्रांति के बारे में ये भी पढ़ें

इस बार मकर संक्रांति पर बनेगा पंचग्रही योग, 9 घंटे से ज्यादा का रहेगा पुण्यकाल

14 जनवरी को धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेगा सूर्य, कैसा होगा आपकी राशि पर असर?

मकर संक्रांति पर विशेष रूप से क्यों खाए जाते हैं तिल-गुड़ से बने व्यंजन?

 

Share this article
click me!

Latest Videos

Delhi में Ayushman Bharat Yojana का रजिस्ट्रेशन शुरू, जानें क्या है CM Rekha Gupta का प्लान?
Delhi पहुंचा Tahawwur Rana, 26/11 के आरोपी को TV पर देख ताजा हो उठा Sunita का दर्द