Sawan: 600 साल पुराना है इस शिव मंदिर का इतिहास, यमुना नदी के किनारे है स्थित

हमारे देश को मंदिरों (Temple) की धरती कहा जाता है। यहां लाखों मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र हैं। सभी से जुड़ी अपनी परंपराएं और मान्यताएं हैं। ऐसा ही एक मंदिर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगरा (Agra) में स्थित है। इसे बल्केश्वर महादेव (Balkeshwar Mahadev) मंदिर के नाम से जाना जाता है। सावन (Sawan) में यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है। ताजमहल (Tajmahal) से मंदिर महज 7 किमी दूर है। यह मंदिर आगरा (Agra) के प्रमुख दर्शनीय स्थानों में से एक है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 4, 2021 5:40 AM IST / Updated: Aug 04 2021, 02:11 PM IST

उज्जैन. हमारे देश में शिवजी के अनेक प्रसिद्ध मंदिर हैं। ऐसा ही एक मंदिर आगरा में स्थित है, इसे बलकेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। जनश्रुति है कि इस मंदिर की खोज 600 साल पहले की गई। आगे जानिए इस मंदिर से जुड़ी खास बातें...

घने जंगल में था ये मंदिर
- कहा जाता है कि जहां ये मंदिर स्थित है, वहां कभी बिल्व के घने जंगल थे। करीब 600 साल पहले जब इस जंगल की कटाई हुई तो लोगों को यहां शिवलिंग और मंदिर दिखाई दिया।
- बिल्व पत्र के जंगल में होने की वजह से इसे बिल्केश्वर महादेव मंदिर कहा जाता था। यमुना नदी के किनारे स्थित होने से इस मंदिर का महत्व काफी अधिक है।
- बल्केश्वर मन्दिर (Balkeshwar Mahadev) का खास आकर्षण है शिवलिंग का अद्भुत श्रृंगार। यहां शिवलिंग को चंदन और केसर से सजाया जाता है।
- मान्यता है कि अगर कोई भक्त लगातार 40 दिन मंदिर में दर्शन और पूजन करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
- यमुना तट पर स्थित इस शिवालय की भव्यता निहारते ही बनती है। यहां पर सावन के सोमवारों को विशेष पूजा अर्चना की जाती है। भोले बाबा का भव्य श्रृंगार होता है।
- बल्केश्वर महादेव मंदिर का प्राचीन नाम बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर है। इस शिवालय की मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से आता है, उसकी हर इच्छा पूरी होती है।

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