मेडिकल साइंस के अनुसार, छींक आना एक सामान्य मानवीय प्रक्रिया है, लेकिन हमारे समाज में छींक को शकुन और अपशकुन से जोड़कर देखा जाता है।
उज्जैन. मेडिकल साइंस के अनुसार, छींक आना एक सामान्य मानवीय प्रक्रिया है, लेकिन हमारे समाज में छींक को शकुन और अपशकुन से जोड़कर देखा जाता है। आज हम आपको छींक से जुड़े कुछ ऐसे ही शकुन-अपशकुन के बारे में बता रहे हैं, लेकिन इसके पहले जानिए छींक से जुड़े कुछ फैक्ट्स...
जरूरी है छींक आना...
मेडिकल साइंस के अनुसार, छींक आना स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। छींकने से शरीर के हानिकारक जर्म बाहर निकलते हैं और यह प्रतिरोधी तंत्र की प्रक्रिया का जरूरी हिस्सा है। छींक एक ऐसी क्रिया है जिस पर हमारा शरीर भी नियंत्रण नहीं कर पाता, क्योंकि इसकी गति बहुत तेज होती है। छींक की रफ्तार 100 मील प्रतिघंटा होती है। एक छींक के साथ लगभग 100000 जर्म वातारण में मुक्त होते हैं। जब आप सोते हैं तो छींक नहीं आ सकती, क्योंकि उस समय नसें आराम की अवस्था में होती हैं। आपके साथ छींक से जुड़ी नसों को भी आराम मिलता है।
छींक से जुड़े शकुन-अपशकुन
1. घर से निकलते समय कोई सामने से छींकता है तो काम में बाधा आती है। एक से ज्यादा बार छींकता है तो काम आसानी से हो जाता है।
2. कोई सामान खरीदते समय यदि छींक आ जाए तो माना जाता है कि खरीदी गई वस्तु से फायदा होगा।
3. सोने से पहले और जागने के तुरंत बाद यदि किसी को छींक की आवाज सुनाई दे तो इसे अशुभ संकेत मानना चाहिए।
4. शकुन शास्त्र के अनुसार, नए मकान में प्रवेश करते समय छींक सुनाई दे तो प्रवेश स्थगित कर देना ही उचित होता है।
5. नया बिजनेस शुरू करते समय यदि कोई छींक दे तो समझना चाहिए कि बिजनेस में सफलता मिलने के योग हैं।
6. कोई मरीज यदि दवा ले रहा हो और अचानक उसे छींक आ जाए तो समझना चाहिए वह जल्दी ही ठीक हो जाएगा।
7. धार्मिक अनुष्ठान या यज्ञादि प्रारंभ करते समय कोई छींकता है तो अनुष्ठान संपूर्ण होने में संशय बना रहता है।
8. भोजन करने से पहले किसी को छींक की आवाज सुनाई दे तो इसे अशुभ माना जाता है।
9. कोई मेहमान यदि घर आए और उसके वापस जाते समय कोई छींक दे इसे भी अशुभ संकेत मानना चाहिए।