श्राद्ध के लिए प्रसिद्ध है हरिद्वार की नारायणी शिला, यहां पूजा करने से मिलती है पितृ दोष से मुक्ति

पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2021) में किसी भी धार्मिक स्थल पर श्राद्ध किया जा सकता है, लेकिन कुछ स्थान इसके लिए विशेष माने गए हैं। उन्हीं में से एक है हरिद्वार (Haridwar) स्थित नारायणी शिला (Narayani Shila)।

उज्जैन. मान्यता है कि हरिद्वार (Haridwar) स्थित नारायणी शिला पर पितरों का तर्पण करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म के लिए यहां देशभर के श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। इस स्थान से कई मान्यताएं और किवंदतियां जुड़ी हुई हैं। देश ही विदेश से भी लोग यहां अपने पितरों (Shradh Paksha 2021) की आत्मा की शांति के लिए पूजा करवाने आते हैं।

ये है नारायणी शिला (Narayani Shila) का महत्व
नारायणी शिला मंदिर के बारे में कहा जाता है कि एक बार जब गयासुर नाम का राक्षस देवलोक से भगवान विष्णु यानी नारायण का श्री विग्रह लेकर भागा तो नारायण के विग्रह का धड़ यानी मस्तक वाला हिस्सा श्री बद्रीनाथ धाम के ब्रह्मकपाली नाम के स्थान पर गिरा। उनके हृदय वाले कंठ से नाभि तक का हिस्सा हरिद्वार के नारायणी मंदिर में गिरा और चरण गया में गिरे। नारायण के चरणों में गिरकर ही गयासुर की मौत हो गई। यानी वहीं उसको मोक्ष प्राप्त हुआ था। स्कंद पुराण के केदार खंड के अनुसार, हरिद्वार में नारायण का साक्षात हृदय स्थान होने के कारण इसका महत्व अधिक इसलिए माना जाता है क्योंकि मां लक्ष्मी उनके हृदय में निवास करती है। इसलिए इस स्थान पर श्राद्ध कर्म का विशेष महत्व है।

पितृ दोष से मिलती है मुक्ति
पितृ दोष से पीड़ित लोग भी यहां पूजा करते हैं। जिन लोगों की अकाल मृत्यु हुई हो, उनके लिए इस मंदिर में पितृ दान, मोक्ष, जप, यज्ञ और श्राद्ध अनुष्ठान भी किए जाते हैं। मंदिर के अंदर भगवान विष्णु की आधी शिला की मूर्ति स्थापित है। यहाँ मंदिर में आसपास के क्षेत्र से हजारों छोटे-बड़े टीले हैं जिनको देखने लोग यहाँ आते हैं। ये टीले पिंड दान के लिए बनाये गए हैं।

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कैसे पहुंचें?
- यहां से निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है। यहां से हरिद्वार की दूरी लगभग 40 किलोमीटर हैं, जहां से आपको आसानी से वाहन उपलब्ध हो सकते हैं।
- निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार रेलवे स्टेशन हैं।
- हरिद्वार प्रमुख राज मार्गों से भी अच्छा तरह से जुड़ा है। सड़क मार्ग द्वारा भी यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।

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