दिल्ली के प्रतिष्ठित ज्योतिषी पंडित उमेश चंद्र पंत से जानिए क्यों वेदों का नेत्र है ज्योतिष शास्त्र

भारतीय वैदिक ज्योतिष जिसे वेदों का नेत्र कहा गया है के विषय में दिल्ली, भारत के प्रतिष्ठित ज्योतिषी पंडित उमेश चंद्र पंत ने अपने विचार साझा किये हैं।

दिल्ली। क्यों वेदों का नेत्र है ज्योतिष शास्त्र, बता रहे हैं दिल्ली के प्रतिष्ठित ज्योतिषी पंडित उमेश चंद्र पंत।

भारत भूमि ऋषियों की तपोभूमि है, ऋषियों द्वारा निर्मित ज्योतिष शास्त्र, सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु एवं केतु नौ ग्रहों एवं नक्षत्रो के अवलोकन और व्याख्या के माध्यम से सांसारिक और मानवीय घटनाओं की भविष्यवाणी व समाधान देता है। हमारे प्रमुख ऋषियों में वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र, एवं भारद्वाज आदि वैदिक ऋषियों का महत्वपूर्ण स्थान है। जिन्होंने गहन अध्ययन, तप के बाद सर्वोच्च सत्य एवं सास्वत ज्ञान को महसूस किया, जिसे विभिन्न माध्यमों से जन कल्याण हेतु प्रतिपादित किया गया। उनमे से एक है भारतीय वैदिक ज्योतिष जिसे वेदों का नेत्र कहा गया है। इस विषय में दिल्ली, भारत के प्रतिष्ठित ज्योतिषी पंडित उमेश चंद्र पंत के विचार क्या हैं।

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आइये एक उद्धरण से शुरुआत करते हैं। वेदांगो में ज्योतिष का महत्वपूर्ण स्थान है। महर्षि पाणिनि ने ज्योतिष को वेदपुरुष का नेत्र कहा है।

छन्दः पादौ तु वेदस्य हस्तौ कल्पोऽथ पठ्यते, ज्योतिषामयनं चक्षुर्निरुक्तं श्रोत्रमुच्यते।

शिक्षा घ्राणं तु वेदस्य मुखं व्याकरणं स्मृतम्, तस्मात्साङ्कमधीत्यैव ब्रह्मलोके महीयते।।

अर्थात: छन्द को वेदों का पाद, कल्प को हाथ, ज्योतिष को नेत्र, निरुक्त को कान, शिक्षा को नाक और व्याकरण को मुख कहा गया है। वेदांग हिन्दू धर्म ग्रन्थ हैं। शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, छन्द और निरूक्त - ये छ: वेदांग है।

आइये एक और उद्धरण से समझते हैं।

यथा शिखा मयूराणां, नागानां मणयो यथा ।

तद् वेदांगशास्त्राणां, ज्योतिषं मूर्ध्नि संस्थितं ॥

अर्थात: जैसे मोरों में शिखा और नागों में मणि का स्थान सबसे उपर है, वैसे ही सभी वेदांग और शास्त्रों मे ज्योतिष का स्थान सर्वोच्च है।

हमारे जीवन में ज्योतिष शास्त्र का महत्व

ज्योतिष शास्त्र का महत्व अत्यंत महत्वपूर्ण है। ज्यौतिष या ज्यौतिष विषय वेदों जितना ही प्राचीन है। यह वेदों का एक अभिन्न हिस्सा है और हमें ब्रह्मांड के ग्रहों और नक्षत्रों के विषय में अद्वितीय ज्ञान प्रदान करता है। ज्योतिष शास्त्र हमें न केवल भविष्य की भविष्यवाणी करने में सहायक होता है, बल्कि यह हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में भी जानकारी देता है। इसके माध्यम से हम अपने भविष्य को समझ सकते हैं और जीवन की अनेकों समस्याओं का समाधान भी ढूंढ सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हमारा भविष्य हमारे कर्मों पर निर्भर करता है, और ज्योतिष शास्त्र हमें सही मार्गदर्शन प्रदान करके जीवन में सफलता की ओर अग्रसर करता है।

ज्योतिष शास्त्र के लाभ

ज्योतिष शास्त्र अपने आप में सम्पूर्ण ज्ञान है। ज्योतिष शास्त्र एक प्रत्यक्ष शास्त्र है जो की समाज के प्रत्येक व्यक्ति के लिए आदि काल से ही अत्यंत उपयोगी एवं कारगर रहा है। ज्योतिष शास्त्र के द्वारा काल ज्ञान, विभिन्न मुहूर्त, शुभाशुभ सूचनाओं का ज्ञान, एवं जीवन की समस्याओ का समाधान किया जाता है ।आइये संक्षिप्त में जानते हैं।

ज्योतिष द्वारा व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान

ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से हम अपनी व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान ढूंढ सकते हैं, जैसे कि स्वास्थ्य, धन, परिवार, कैरियर, व्यवसाय, प्रेम, शिक्षण, संपत्ति, व्यक्तिगत बातें और जीवन में आने वाली चुनौतियों का समाधान।

ज्योतिष में भविष्यवाणी का सामर्थ्य

ज्योतिष शास्त्र हमें आने वाले समय की पूर्वानुमानित जानकारी प्रदान करता है, जिससे हम अपने भविष्य की योजना और उपाय तैयार कर सकते हैं।

ज्योतिष के दृष्टि में कर्मफल का आधार

ज्योतिष शास्त्र हमें अपने कर्मों के आधार पर जीवन को संचालित करने की महत्वपूर्ण शिक्षा देता है। यह हमें उचित कर्म करने और सही निर्णय लेने में मदद करता है।

ज्योतिष द्वारा भविष्य के लिए तैयारी

ज्योतिष शास्त्र हमें आने वाले समय की संभावित परिस्थितियों के लिए तैयार रहने में मदद करता है। इससे हम अच्छी तरह से योजना बनाकर कार्य कर सकते हैं और किसी भी आने वाले संघर्ष का सामना करने के लिए सजग रह सकते हैं।

ज्योतिष द्वारा आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान की पहचान

ज्योतिष शास्त्र के अध्ययन से हमारे अपने आत्म-विश्वास का विकास होता है और हम अपने क्षमताओं और प्रतिभाओं को पहचानने में सक्षम होते हैं। यह हमें अपनी सामर्थ्यों पर विश्वास करने में सहायक होता है और एक सशक्त और समर्थ समाज के निर्माण में मदद करता है।

पंडित उमेश चंद्र पंत एक संक्षिप्त परिचय

पंडित उमेश चंद्र पंत दिल्ली, भारत के एक अग्रणी ज्योतिषी हैं, जिन्हें उनकी विशेषज्ञता के लिए दिल्ली में विशेष पहचान मिली है। उनका ज्ञान, अनुभव और समर्पण उन्हें भारत के प्रमुख ज्योतिषियों में गणना कराते हैं। उनकी अद्वितीय विशेषता उनके व्यक्तिगत और पेशेवर अनुभव में निहित है, जो उन्हें लोगों के जीवन में सहायक बनाता है। पंडित उमेश चंद्र पंत के ज्योतिष ज्ञान और समर्पण ने उन्हें समाज में गहरा सम्मान और प्रसिद्धि दिलाई है। उनकी उच्च स्थान प्राप्ति उनके निरंतर प्रयासों और सफलताओं का परिणाम है, जिससे वे लोगों के जीवन में शांति, शुकून और समृद्धि का सदैव प्रयास करते हैं। पंडित उमेश चंद्र पंत जन्मपत्री को देखकर भविष्यवाणी, जीवन के महत्वपूर्ण क्षेत्र जैसे कैरियर, व्यवसाय, पैसा, प्रेम, शिक्षण, संपत्ति, व्यक्तिगत बातें, शत्रु, विवाह, कुंडली मिलाप, भागीदारी, सेहत, मुहूर्त, वास्तु टिप्स, वास्तु दोष से जुडी समस्याओं का निवारण करते हैं। वर्ष 1988 से ज्योतिष के क्षेत्र में कार्यरत हैं।

इस प्रकार ज्योतिष शास्त्र के अध्ययन से हम जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में सक्षम होते हैं और अपने भविष्य की दिशा में सावधानीपूर्वक कदम उठा सकते हैं। आधुनिक युग में भी, ज्योतिष शास्त्र का महत्व अब भी अटल है, क्योंकि यह हमें उस दृष्टि का द्वार खोलता है जिससे हम अपने जीवन को समर्थ बनाने के लिए मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।

इसलिए, हमें यह समझना आवश्यक है कि ज्योतिष शास्त्र न केवल एक प्राचीन विज्ञान है, बल्कि यह हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण और निर्णायक भूमिका भी निभाता है।

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