दिल्ली के एक कंज्यूमर कोर्ट ने एक कार डीलर को 12 साल पुराने मामले में 2 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है। साल 2012 में एक शख्स ने वैगन आर कार खरीदी थी, जिसमें एक सप्ताह में ही खराबी आ गई। इसकी शिकायत शख्स ने फोरम में शिकायत की थी।
ऑटो डेस्क. दिल्ली में कंज्यूमर कोर्ट ने एक कार डीलर को 2 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है। दरअसल, उस पर उपभोक्ता को मानसिक पीड़ा पहुंचाने का आरोप है। कार खरीदने के पहले हफ्ते में ही कार में खराबी आ गई थी। इस मामले में फोरम ने कार डीलर को हर्जाना देने के सजा सुनाई है।
दरअसल, शिकायतकर्ता अरुण कुमार ने साल 2012 में दिल्ली के लाजपत नगर के एक शोरूम से 4.5 लाख रुपए की वैगन आर कार खरीदी थी। इसके बाद उन्होंने दावा किया कि उनकी कार का स्पीडोमीटर खरीदने के 24 घंटे के अंदर ही खराब हो गया।
मामले में कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग की अध्यक्ष न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की अध्यक्षता वाली बेंच ने उपभोक्ता के पक्ष में कई बातें कहीं। बेंच ने कहा, वर्तमान के मामले में यह साफ दिखता है कि ग्राहक को ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक कष्ट भी उठाना पड़ा। अगर कोई ग्राहक नई कार खरीदता है और वो कुछ साल के अंदर परेशानी पैदा करती है तो यह गलत है। उपभोक्ता अगर नई-नवेली कार को वर्कशॉप ले जाने पर मजबूर होता है तो इससे यह साबित होता है कि डीलर ने अपनी जिम्मेदारियों को सही से नहीं निभाया।
क्या था मामला
अरुण कुमार ने कार डीलर पर आरोप लगाया कि कार पहले हफ्ते में ही खराब हो गई थी। इतना ही नहीं, जब वह कार को वर्कशॉप पर सर्विसिंग के लिए ले गए तब इस दौरान कर्मचारी ने कार का एक्सीडेंट कर दिया। फिर शिकायतकर्ता ने रिप्लेसमेंट के लिए अनुरोध किया तब डीलर ने मना कर दिया। फिर शिकायतकर्ता ने दक्षिण दिल्ली फोरम में शिकायत की थी। फोरम ने नवंबर 2018 में शिकायतकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसके बाद कार डीलर ने आयोग में फैसले के खिलाफ अपील की थी। लेकिन कंज्यूमर फोरम ने फैसले में थोड़ा बदलाव कर कार डीलर पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया।
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