तकनीकी खराबी के चलते 2020 में भी Royal Enfield ने अपनी हजारों बाइक्स को वापस बुला लिया था। तब यूके, यूरोप और साउथ कोरिया में ये बाइक्स रिकॉल की गई थीं। अब एक बार फिर कई यूनिट्स को वापस बुलाया गया है।
ऑटो डेस्क : अगर आपकी भी फेवरेट बाइक रॉयल एनफील्ड है और इसी से चलते हैं तो यह खबर आपके लिए ही है। दमदार परफॉर्मेंस वाली यह बाइक काफी पॉपुलर है। कंपनी की पावरफुल बाइक Himalayan में तकनीकी खराबी आई है। इसको देखते हुए कंपनी ने इस बाइक की कुछ यूनिट्स को रिकॉल कर लिया है। 27 फरवरी, 2023 को रॉयल एनफील्ड ने यूएस नेशनल हाइवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन को जानकारी दी थी कि 1 मार्च, 2017 और 28 फरवरी, 2021 के बीच जिन हिमालयन बाइक्स को बनाया गया है, उनके ब्रेक में समस्या देखने को मिल रही है। इसी को देखते हुए कंपनी 4,891 यूनिट्स को वापस बुला लिया है।
भारत में बाइक रखने वाले टेंशन न लें
यह मामला अमेरिका का है, इसलिए भारत में इस बाइक को रखने वालों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। ग्लोबल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी की तरफ से बाइक्स में उपयोग किए जाने वाले कैलीपर्स से जुड़ी यह समस्या है। ठंडे मौसम में सड़कों को साफ करने में इस्तेमाल किए जाने वाले नमक के संपर्क में आने से ये खराब हो सकते हैं। इसी को देखते हुए कंपनी ने प्रभावित मोटरसाइकिलों के फ्रंट और रियर ब्रेक कैलीपर्स को बदलने के लिए रिकॉल किया है।
इस तरह की समस्या आ रही
कंपनी की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बाइक में ब्रेक लगाते समय असामान्य आवाज आ सकती है। यह कैलीपर्स के पास जलने की बदबू भी पैदा कर सकता है। रॉयल एनफील्ड हिमालयन को मैन्युअल रूप से पुश करने में समस्या हो सकती है। बता दें कि, Brembo नाम की कंपनी Royal Enfield को ब्रेक कैलीपर्स सप्लाई करती है और ABS के लिए ब्रेकिंग कंपोनेंट की Bosch उपलब्ध कराता है।
इन देशों में रिकॉल हो सकती हैं बाइक्स
अब यूके में इस तरह की खराबी देखने को मिली है। यह रिकॉल अमेरिकी बाजार के लिए कंपनी ने किया है। आगे यूरोप, जापान और साउथ कोरिया में भी इस तरह का रिकॉल हो सकता है। हालांकि अभी तक किसी भी तरह की आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।
पहले भी आ चुकी है इस तरह की समस्या
Royal Enfield ने अपनी बाइक्स को पहली बार रिकॉल नहीं किया है। तीन साल पहले 2020 में रॉयल एनफील्ड 650 ट्वींस Continental GT और Interceptor के अलावा रॉयल एनफील्ड हिमालयन की 15,000 से ज्यादा यूनिट्स वापस बुलाई गई थी। यूके, यूरोप और दक्षिण कोरिया में गाड़ियों में दिक्कत पाई गई थी। भारतीय बाजार में मिलने वाले मॉडल में किसी तरह की समस्या नहीं है।
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