सोलर ऊर्जा से चलने वाली गाड़ियों पर कई कंपनियां काम कर रही हैं। दुनिया की पहली सोलर कार नीदरलैंड की एक कंपनी ने बनाया है। जिसका नाम लाइटइयर जीरो है। दावा है कि सिंगल चार्ज पर इस कार को करीब 700KM तक ले जा सकते हैं।
ऑटो डेस्क : कभी कल्पना वाली सोलर कार (Solar Car) को आज कुछ स्टार्टअप ने साकार कर दिया है। इसका कॉन्सेप्ट मॉडल सामने आ चुका है। उम्मीद है कि आने वाला समय इलेक्ट्रिक, हाइड्रोजन के साथ सोलर कारों का भी होगा। इसे ICE इंजन के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। सोलर कार को ईको फ्रेंडली (Eco Friendly) माना जा रहा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल कि पर्यावरण को फायदा पहुंचाने के साथ-साथ क्या यह कार आपके लिए भी फायदेमंद है। आइए 5 पॉइंट में समझते हैं..
सोलर कार कैसे चलती है
सूरज की रोशनी से चलने वाली कारों को सोलर कार कहा जाता है। इसके इंजन को चलाने के लिए सौर ऊर्जा से पावर मिलती है। कार में सौर पैनल लगाए जाते हैं। इसमें लगा फोटोवोल्टिक सेल सूर्य की ऊर्जा को बिजली में बदल देता है। इसी से इंजन को स्टार्ट करने में मदद मिलती है। सोलर कार में सोलर पैनल, बैटरी, इलेक्ट्रिक मोटर और हैंडलिंग सिस्टम यूज किया जाता है। जिससे यह चलती है।
भारत की पहली सोलर कार
इसी महीने हुए Auto Expo 2023 में पुणे की स्टार्टअप वायवे मोबिलिटी ने देश की पहली सोलर कार पेश की। 2 सीटर के साथ यह कॉन्सेप्ट कार है। जिसे एक बार चार्ज करने पर 250KM तक चलाया जा सकता है।
Solar Car कितना फायदेमंद
Solar Car कितना नुकसानदायक
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