Electric vehicle को चार्ज करने की झंझट होगी खत्म, सड़क पर दौड़ते ही Charge हो जाएगा वाहन, देखें गजब टेक्नालॉजी

अमेरिका में inductive charging technology  को विकसित किया जा रहा है। इस साल जुलाई के महीने में इंडियाना के परिवहन विभाग और परड्यू यूनिवर्सिटी  ने दुनिया के पहले वायरलेस चार्जिंग कॉन्क्रीट हाइवे की प्लानिंग की है। इस तकनीक के जरिए वाहन सड़कों पर दौड़ते- दोड़ते चार्ज हो जाएंगे।

ऑटो डेस्क।  पेट्रोल- डीजल (petrol-diesel) की बढ़ती कीमतों की वजह से लोगों का रुझान इलेक्ट्रिक व्हीकल (electric vehicle) की तरफ हुआ है। उच्च से लेकर मध्यम वर्ग तो अब इलेक्ट्रक व्हीकल ही खरीदना चाहता है, चाहे वो बाइक, स्कूटर या कार हो, मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक पावर वाले बस और ट्रक की डिमांड बढ़ रही है। ये कहना गलत नहीं होगा कि आने वाला दौर इलेक्ट्रिक व्हीकल का होगा। हालांकि लंबी यात्राओं के दौरान कारों का चार्ज करना आसान नहीं होता। हर जगह चार्जिंग स्टेशन मिले ये जरुरी नहीं हैं।  ईवी की रेंज, चार्जिंग टाईमिंग, चार्जिंग स्टेशन की उपलब्धता समेत कई सारे मुद्दे हैं। इन तमाम समस्याओं से निपटने के लिए इनोवेटिव आइडिया (innovative idea) पर काम हो रहा है।  

 इंडक्टिव चार्जिंग टेक्नालॉजी को किया जा रहा विकसित
चार्जिंग में लगने वाला समय भी एक बड़ी समस्या है। इस समस्या के निदान के लिए ऐसी सड़कें बनाने की दिशा में काम चल रहा है, जो कारों को चलने पर उन्हें चार्ज भी कर देंगी। इसके लिए इंडक्टिव चार्जिंग टेक्नालॉजी (inductive charging technology) को विकसित किया जा रहा है। इस साल जुलाई के महीने में इंडियाना के परिवहन विभाग और परड्यू यूनिवर्सिटी (Indiana Department of Transportation and Purdue University) ने दुनिया के पहले वायरलेस चार्जिंग कॉन्क्रीट हाइवे ( wireless charging concrete highway) की प्लानिंग की है।

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चुंबकीय कॉन्क्रीट तकनीक पर रिसर्च जारी
इस पर जोरशोर से काम जारी है। एस्पायर इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर इस पर काम कर रहा है। नेशनल साइंस फाउंडेशन से इसे धन मुहैया कराया जा रहा है। रिसर्च टीम की हैड नाडिया ने इस संबंध में बताया है कि  इलेक्ट्रिक वाहनों को सड़क पर चलने के दौरान ही चार्ज करने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। इसके लिए चुंबकीय कॉन्क्रीट तकनीक (magnetic concrete technology) का इस्तेमाल करते हैं, इसमें आयरन ऑक्साइड, निकल और जिंक ( Iron Oxide, Nickel and Zinc ) जैसे मेटल मिलाए जाते हैं। इस कॉन्क्रीट को जर्मन कंपनी मैगमेंट ने डेव्लप किया है। इसे उसी तर्ज पर विकसित किया जा रहा है जैसे मोबाइल फोन को वायरलेस तरीके से चार्ज किया जाता है।

magnet field क्रिएट करने की प्रोसेस 
कॉन्क्रीट मिक्सचर में इलेक्ट्रिक करंट के जरिए मैग्नेट फील्ड तैयार की जाती है। इससे एक उत्पन्न क्षेत्र  में वायरलैस तरीके से वाहन को पावर देकर चार्ज किया जा सकता है। रता है। ऐसी चौड़ी चौड़ी प्लेट या बॉक्स को सड़क के नीचे बिछाया जाता है। इस बॉक्स को पावर ग्रिड से जोड़कर इसमें करंट प्रवाहित किया जाता है। यह ट्रांसमिट होता है, जो सड़क पर दौड़ने वाली इलेक्ट्रिक व्हीकल को पावर सप्लाई करता है। कार में लगाए गए एक इनपुट के जरिए बैटरी को चार्ज किया जा सकता है।

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