
ऑटोमोबाइल डेस्क: बहुत सारे वाहन चालक अपनी पेट्रोल/डीजल गाड़ियों की टंकी फुल करके रखना चाहते हैं। खासकर लॉन्ग-ट्रिप पर जाने वाले या फ्यूल की कीमत बढ़ने के डर से ऐसा करते हैं। लोगों के मन में यह चलता है, कि एक बार टंकी फुल करवाने के बाद वो कुछ समय के लिए निश्चिंत हो जाएंगे और आराम से लंबी यात्रा कर पाएंगे। हालांकि, लंबी दूरी तय करने वालों के लिए इससे सुविधा जरूर मिलती है, क्योंकि बार-बार पेट्रोल पंप पर रुककर फ्यूल नहीं लेना पड़ता है। लेकिन क्या कभी आपने यह विचार किया है, कि कार की टंकी फुल कराना सही है या नहीं? चलिए हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
आपको बता दें, कि हर कार में मिलने वाली फ्यूल टैंक एक समान नहीं होती है। अलग-अलग कंपनियों की 4-व्हीलर्स में फ्यूल टैंक कैपेसिटी अलग-अलग होती है। किसी कंपनी की कार में 20 लीटर का फ्यूल टैंक मिलता है, तो कई कम्पनियों में 30 लीटर क्षमता वाला फ्यूल टैंक रहता है। कार की फ्यूल टैंक को एकबार फुल करवाना सही नहीं होता है। आप अपनी गाड़ी में उतना ही फ्यूल भरवाएं, जितना कंपनी के द्वारा निर्देश दिया गया हो। लिमिट से अधिक फ्यूल भरवाने पर कार को नुकसान हो सकता है।
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कार में फ्यूल टैंक फुल करवाने के लिए कम्पनी द्वारा एक लिमिट रिकमेंड की जाती है। ऐसे में कंपनी जितनी लिमिट रिकमेंड करती है उस लिमिट तय फ्यूल भरवाने में कोई परेशानी नहीं होती है। अब आपके दिमाग में यह प्रश्न उठा होगा, कि कार में फ्यूल भराने की लिमिट का पता कैसे चलेगा? अगर इसके बारे में आपके पास इंफॉर्मेशन नहीं है, तो इसके लिए दूसरा ऑप्शन भी है। नेक्स्ट टाइम जब भी आप अपनी कार में फ्यूल लेने जाएं, तब फ्यूल लेते समय इस बात का ध्यान रखें, कि पहला ऑटो-कट कब आया। जैसे ही पहला ऑटो-कट आ जाए, उसके बाद अपनी गाड़ी में फ्यूल न लें। ऐसा करने से गाड़ी को नुकसान नहीं पहुंचेगा और आप सुरक्षित यात्रा कर सकते हैं।
अगर आप अपनी कार में लगी फ्यूल (पेट्रोल- इंजन) टैंक को फुल करवाते हैं, तो इससे कई नुकसान हो सकते हैं।
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