दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक राज्य से अन्य राज्य में ले जाने पर मोटर वाहनों का पुन: पंजीकरण कराने से संबंधित नियमों को चुनौती देते हुए दायर की गयी एक जनहित याचिका पर मंगलवार को केंद्र से जवाब तलब किया।
नयी दिल्ली, (भाषा): दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक राज्य से अन्य राज्य में ले जाने पर मोटर वाहनों का पुन: पंजीकरण कराने से संबंधित नियमों को चुनौती देते हुए दायर की गयी एक जनहित याचिका पर मंगलवार को केंद्र से जवाब तलब किया।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता दीपक वाजपेयी की अर्जी पर परिवहन मंत्रालय को नोटिस जारी कर मामले में उसका रूख जानना चाहा।
याचिकाकर्ता ने एक राज्य से दूसरे राज्य में वाहन को ले जाने पर उसका पुन: पंजीकरण कराने से संबंधित नियमों को ‘बेतुका’ करार दिया और कहा कि ऐसे में वाहन मालिक पिछले राज्य में दिये गये सड़क कर के रिफंड की कोशिश करते हैं तो उन्हें बहुत असुविधा होती है।
याचिका में कहा गया है कि वाहन मालिकों को पहले नये राज्य में सड़क का भुगतान करना पड़ता है और फिर उन्हें वहां चुकाये गये सड़क कर का रिफंड प्राप्त करने के लिए रसीद लेकर पिछले राज्य में जाना पड़ता है।
याचिका में कहा गया है कि रिफंड प्राप्त करने के लिए सड़क परिवहन कार्यालय का बार बार चक्कर लगाना पड़ता है और पूरी प्रक्रिया व्यावहारिक रूप से असंभव और खर्चीली होती है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)