सुशील मोदी ने कहा- एलजेपी नेता भ्रम पैदा की कोशिश कर रहे हैं। यह भी दावा किया- एनडीए में हम जितनी सीटें उन्हें को देना चाहते थें वो उससे कहीं ज्यादा सीटों की डिमांड कर रहे थे। खुद को वोटकटवा कहे जाने पर चिराग की प्रतिक्रिया आ गई है।
पटना। एलजेपी चीफ चिराग पासवान (LJP Chief Chirag Paswan) का एनडीए (NDA) छोड़ने का मामला लगातार चर्चाओं में बना हुआ है। एलजेपी चीफ ने एक दिन पहले इंटरव्यू में दावा किया था कि वो सीट विवाद की वजह से एनडीए से बाहर नहीं हुए थे। बल्कि बिहार को लेकर अपने विजन की वजह से उन्होंने गठबंधन छोड़ने का फैसला लिया। अब बीजेपी (BJP) नेता और बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने उनके दावे की हवा निकाल दी है। बीजेपी नेता ने एलजेपी चीफ को चुनाव में वोटकटवा करार देते हुए भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। खुद को वोटकटवा कहे जाने पर चिराग की प्रतिक्रिया आ गई है। उन्होंने अब खुद को पीएम नरेंद्र मोदी का अंधभक्त करार दिया है।
सुशील मोदी (Sushil Modi) ने कहा- एलजेपी नेता भ्रम पैदा की कोशिश कर रहे हैं। यह भी दावा किया- एनडीए में हम जितनी सीटें उन्हें (चिराग पासवान) को देना चाहते थें वो उससे कहीं ज्यादा सीटों की डिमांड कर रहे थे। ज्यादा डिमांड की वजह से ही बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई। और उन्हें एनडीए से बाहर जाना पड़ा। ये एलजेपी का फैसला था।
बीजेपी के नाम पर भ्रम फैला रहे चिराग
सुशील मोदी ने यहां तक कहा कि एलजेपी की ओर से जानबूझकर इस तरह का भ्रम फैलाया जा रहा है कि वो बीजेपी के साथ हैं। कहा- "जो लोग यह कह रहे कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनने देगें, इसका साफ मतलब ये भी है कि वही लोग बिहार में बीजेपी की सरकार भी नहीं बनने देना चाहते। नीतीश को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह का भी है।" बिना नाम लिए यह भी कहा कि एलजेपी एक दो सीट भी नहीं जीत पाएगी।
सुशील मोदी के बयान से दुखी हुए चिराग
बीजेपी नेता की ओर से वोटकटवा बताने पर नाराजगी जताते हुए चिरगा पासवान ने कहा- "मेरे लिए जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया उससे मैं निराश हूं। मुझे पता है कि बीजेपी नेताओं पर सीएम नीतीश का दबाव है। मैं पीएम नरेंद्र मोदी का अंधभक्त हूं। मैं एक नेता के रूप में उनका सम्मान करता हूं। हम अपने चुनाव अभियान में पीएम की तस्वीर का इस्तेमाल नहीं करेंगे।"
बीजेपी संग सरकार बनाने की बात
इससे पहले चिराग ने सीट बंटवारे पर मतभेद की वजह से एनडीए छोड़ने की बात को खारिज किया था। चिराग पासवान ने कहा था कि वो बिहार फ़र्स्ट और बिहारी फ़र्स्ट विजन को एनडीए में लागू कराना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने बीजेपी नेताओं से भी बात की थी। उनके विजन को तवज्जो नहीं मिली। उसकी जगह नीतीश के सात निश्चय 2 को तवज्जो दी गई। चिराग ने कहा था कि उनके पास एनडीए छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। अब तक चिराग जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारने, चुनाव में अपने विजन के साथ ही पीएम मोदी के काम पर वोट मांगने और चुनाव बाद बीजेपी के साथ सरकार बनाने की बात कह चुके हैं।