एमपी और राजस्थान की घटना से डरी है कांग्रेस,इन 3 राज्यों में भेज सकती अपने जीतने वाले विधायक,ऐसी की है तैयारी

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस बार पार्टी ने 40 नए चेहरों को मैदान में उतारा है। इसलिए सतर्कता बरती जा रही है। जयपुर में पार्टी ने पूरी तैयारी कर रखी है। वहां एक प्लेन रेडी मोड पर है।
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 10, 2020 1:56 AM IST

पटना (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) के 248 सीटों पर हुए मतदान का आज परिणाम आ रहा है। इस बार कांग्रेस ने 40 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। लेकिन, उसे 30 सीट से ज्यादा मिलने की उम्मीद है। वहीं, औपचारिक तौर पर कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने के लिए राज्य के नेताओं के साथ मुख्यालय सदाकत आश्रम से दूर गांधी मैदान स्थित एक बड़े होटल में बड़े नेताओं ने परिणाम के बाद की स्थिति पर मंथन किया। एमपी और राजस्थान की तरह यहां किसी प्रकार की सेंधमारी न लग पाए को लेकर भी रणनीति तैयार की गई है। सूत्रों के मुताबिक जरुरत पर विधायकों को राजस्थान या पंजाब या छत्तीसगढ़ भेजा जा सकता है।

रेडी मोड पर है एक प्लेन 
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस बार पार्टी ने 40 नए चेहरों को मैदान में उतारा है। इसलिए सतर्कता बरती जा रही है। जयपुर में पार्टी ने पूरी तैयारी कर रखी है। वहां एक प्लेन रेडी मोड पर है।

चुनाव जीतने के बाद रणदीप सुरजेवाला के संपर्क में आ जाएंगे विधायक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मीटिंग में सभी कांग्रेस के प्रत्याशियों से कहा गया है कि वो चुनाव जीतने के बाद वो सीधे कांग्रेस इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन रणदीप सुरजेवाला से संपर्क करेंगे। कांग्रेस नेताओं के मुताबिक 30 से ज्यादा सीटों पर जीतना तय है। बता दें कि पिछली बार कांग्रेस 41 में 27 सीट जीती थी।

आब्जर्वर बनाए गए हैं रणदीप सुरजेवाला औ अविनाश पांडेय
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने रणदीप सुरजेवाला और अविनाश पांडे को आब्जर्वर बनाया है। वहीं, खबर है कि कर्नाटक, राजस्थान और झारखंड से भी नेता बिहार पहुंचे हैं। सूत्रों के मुताबिक इन्हें डर है कि एमपी और पंजाब की तरह विपक्षी दल उनके ने जीते हुए विधायकों में सेंधमारी न करने लगे।

इन नेताओं ने डारा बिहार में डेरा
राहुल गांधी के फरमान पर कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, दक्षिण बिहार के प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौर, पंजाब के विधायक गुरूकीरथ सिंह, राजस्थान सरकार के मंत्री रघु शर्मा, राजेंद्र यादव, झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य काजी निजामुद्दीन, उत्तर बिहार के प्रभारी अजय कपूर, स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडेय जैसे नेता बिहार में ही है।

कांग्रेसी नेता करेंगे ये काम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता घटक दलों के साथ मिलकर जहां सरकार गठन में आपसी सामंजस्य बनाएंगे। वहीं इनकी जिम्मेदारी पार्टी के विजयी उम्मीदवारों को बांधे रखने की भी होगी। क्योंकि कांग्रेस को आशंका है कि जैसे-जैसे महागठबंधन के पक्ष में नतीजे आएंगे वैसे-वैसे सेंधमारी का खतरा बढ़ेगा। इस लिहाज से सावधानी में कोई कोर-कसर नहीं रहने देना चाहती है।

क्या हुआ था राजस्थान में
राजस्थान में जुलाई में कांग्रेस के 19 विधायकों को लेकर सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बिगुल फूंक दिया था। महीने भर गहलोत और पायलट विधायकों को लेकर बाड़ाबंदी में थे।

क्या हुआ था एमपी में
राजनीति के जानकार बताते हैं कि एमपी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में 6 महीने पहले 22 विधायक टूट कर भाजपा में चले गए थे। इस बगावत के बाद कांग्रेस की कमलनाथ सरकार चली गई थी।

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