बिहारीगंज में सुभाषिनी के कारण दांव पर शरद यादव की प्रतिष्ठा, जीत के लिए जोर चुके हैं राहुल गांधी

सुभाषिनी के पास एमबीए की डिग्री है। जिनकी उम्र इस समय 30 साल है। उनके पास 7.62 करोड़ रुपए की संपत्ति है। उनकी शादी राजकमल राव के साथ हुई है, जो हरियाणा के राजनीतिक घराने से आते हैं और कांग्रेस परिवार से उनका गहरा रिश्ता है।

पटना (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) की तीसरे चरण में 7 नवंबर को 15 जिलों के 78 सीटों पर वोटिंग है। इस चरण में वैसे तो कई दिग्गज नेता मैदान में हैं। लेकिन,सबकी निगाहें मधेपुरा के बिहारीगंज (Bijganj ) सीट पर भी हैं, क्योंकि यहां से जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव (Sharad Yadav) की बेटी सुभाषिनी राज राव (Subhashini Raj Rao) कांग्रेस (Congress) के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी पूरी जोर लगा चुके हैं। उन्होंने चुनावी सभा में यहां तक कह दिया था कि आपको अपनी "बहन" के लिए वोट करना है। मैं आपसे गारंटी चाहता हूं कि आप शरद यादव की बेटी को चुनाव जिताएंगे। मैं अपने लिए नहीं, आपके और शरद यादव के लिए कह रहा हूं, जो आपके नेता हैं। बता दें कि मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र का शरद यादव कई बार प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं। ऐसे में शरद यादव की प्रतिष्ठा भी दांव पर है।

हरियाणा में कांग्रेस परिवार से हैं सुभाषिनी का रिश्‍ता
सुभाषिनी के पास एमबीए की डिग्री है। जिनकी उम्र इस समय 30 साल है। उनके पास 7.62 करोड़ रुपए की संपत्ति है। उनकी शादी राजकमल राव के साथ हुई है, जो हरियाणा के राजनीतिक घराने से आते हैं और कांग्रेस परिवार से उनका गहरा रिश्ता है।

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पिता ने जिसे हराया उसी की पार्टी से चुनाव लड़ रही बेटी
मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र में एक बार शरद यादव ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को पराजित कर सबको चौंका दिया था। अब उन्हीं लालू यादव की पार्टी राजद के समर्थन से सुभाषिनी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी सुभाषिनी की जीत के लिए जोर लगाया है। 

पिता के प्रचार से चर्चा में आई थी सुभाषिनी
बताते चले कि अगस्त 2017 में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण शरद यादव को जेडीयू से निकाल दिया गया था। इसी के बाद उन्होंने लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) का गठन किया था। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वे महागठबंधन का हिस्सा थे और मधेपुरा से चुनाव भी लड़े थे। उसी समय सुभाषिणी चर्चा में तब आई थी जब उन्होंने सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ बयान दिया था कि वे पूरा बिहार छोड़कर मधेपुरा में डेरा जमाए बैठे हैं। क्योंकि, वह मतलब डरे हुए हैं। हालांकि शरद यादव को हार का सामना करना पड़ा था। 

इनसे है सुभाषिनी का मुकाबला
सुभाषिनी का बिहारीगंज में मुकाबला यहां दो बार से जेडीयू के विधायक निरंजन मेहता, लोजपा के प्रत्याशी विजय कुमार सिंह और शरद के पुराने प्रतिद्वंदी मधेपुरा के पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की पार्टी जनअधिकार पार्टी के प्रभाष कुमार के साथ है।

इस सीट पर एक नजर
-कुल वोटर- 2.97 लाख
-महिला वोटर-1.43 लाख
-पुरुष वोटर-1.54 लाख
साल 2015 में 60.9% वोटिंग।

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