तीसरे फेज में ध्रुवीकरण की राजनीति, RJD मुस्लिम नेता ने गुजरात का जिक्र किया; PM मोदी पर साधा निशाना

आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने अल्पसंख्यक मतों के ध्रुवीकरण की कोशिश करते हुए प्रधानमंत्री को लेकर विवादित बयान दिया। है। आरजेडी नेता ने पीएम पर पर नफरत की राजनीति का फैलाने का आरोप लगाया। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 6, 2020 10:22 AM IST / Updated: Nov 06 2020, 03:56 PM IST

दरभंगा/पटना। तीसरे फेज के तहत बिहार की 78 विधानसभा सीटों पर 7 नवंबर को चुनाव कराए जाएंगे। इससे पहले आरजेडी के वरिष्ठ नेता ने अल्पसंख्यक मतों के ध्रुवीकरण की कोशिश करते हुए प्रधानमंत्री को लेकर विवादित बयान दिया। है। आरजेडी नेता ने पीएम पर पर नफरत की राजनीति का फैलाने का आरोप लगाया। 

तीसरे फेज के कैम्पेन के आखिरी दिन आरजेडी के दिग्गज नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने गुजरात में 2002 के दंगों का जिक्र किया। एक मीडिया इंटरव्यू में सिद्दीकी ने कहा- पीएम में नफरत और दंगा फैलाने की राजनीति कर रहे हैं। उनसे इससे ज्यादा और क्या अपेक्षा की जा सकती है। सिद्दीकी ने कहा- "प्रधानमंत्री पद की एक गरिमा होती है। लेकिन नरेंद्र मोदी उसे भूल चुके हैं। वो आज भी गुजरात में दंगा कराने वाले मुख्यमंत्री हैं।" 

बताते चलें कि 2002 में नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। तब कारसेवकों को लेकर अयोध्या से लौट रही ट्रेन को गोधरा में दंगाइयों ने आग लगा दिया था। कई कारसेवकों की जलकर मौत हो गई थी। इस घटना के बाद समूचे गुजरात में हिंसा फैल गई थी। विपक्ष हमेशा से हिंसा के पीछे बीजेपी सरकार की भूमिका को लेकर सवाल खड़े करता है।  

सिद्दीकी ने गुजरात का जिक्र क्यों किया?
दरअसल, तीसरे फेज में खासकर सीमांचल की कई ऐसी सीटें हैं जहां मुसलमान मतदाता निर्णायक हैं। कई सीटें तो ऐसी हैं जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 60% प्रतिशत तक है। इन तमाम सीटों पर कई-कई मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में हैं। ओवैसी की एआईएमएआईएम ने सीमांचल की 14 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। ओवैसी ने उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी के साथ गठबंधन भी बनाया है। सीमांचल की एक सीट पर पिछले साल हुए उपचुनाव में एआईएमआईएम खाता भी खोल चुकी है। ओवैसी के अलावा मुस्लिम लीग, एनसीपी और दूसरे छोटे दलों ने भी मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है। बताने की जरूरत नहीं कि बिहार में लालू यादव की आरजेडी का राजनीतिक आधार यादव मतों के साथ मुस्लिम वोट हैं। मुस्लिम प्रत्याशियों की मौजूदगी से महागठबंधन को नुकसान उठाना पड़ रहा है। 

मुस्लिम मत बंटे तो बीजेपी को फायदा 
दूसरी ओर तीसरे फेज के फिलहाल के समीकरण में एनडीए ताकतवर है। बीजेपी और जेडीयू का 78 में से 44 सीट पर कब्जा है। बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने हिन्दुत्व का मुद्दा ज़ोर शोर से उठाया है। तीसरे फेज में यूपी के सीएम योगी और गिरिराज सिंह की सभाएं आयोजित की गई जिसमें नेताओं ने हिन्दुत्व के मुद्दों के साथ लव जिहाद और बढ़ती आबादी को लेकर बिहार में कानून तक बनाने की बात कही गई। सिद्दीकी खुद भी चुनाव लड़ रहे हैं और उन्होंने एक रणनीति के तहत गुजरात दंगों का जिक्र किया है। अगर तीसरे फेज में मुस्लिम मत बंटे तो इसका सीधा सीधा नुकसान महागठबंधन और आरजेडी को होगा। तीसरे फेज में आरजेडी के 46 प्रत्याशी हैं।  

यह भी पढ़ें :- 
जब RJD ने 808 मतों से जीत लिया JDU का गढ़, यहां काम नहीं आया था नीतीश कुमार का 'सुशासन'

बिहार चुनाव का तीसरा फेज: गणित NDA के पक्ष में, ओवैसी चूर कर सकते हैं तेजस्वी यादव का सपना

Share this article
click me!