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सिर्फ 8वीं तक पढ़ें हैं मुकेश साहनी, बीजेपी ने अपने कोटे से दी है 11 सीट, खुद यहां से लड़ रहे चुनाव
पटना (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में एनडीए के सहयोगी दल वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश साहनी (Mukesh Sahni)पहली बार सहरसा जिले के अंतर्गत आने वाली सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा सीट (Simri Bakhtiyarpur Assembly Seat) से चुनाव लड़ रहे हैं। जहां उनका मुकाबला युसुफ सलाउद्दीन (Yusuf Salauddin से हैं, जो पिछले चुनाव में 37 हजार वोटों से हार गए थे। बता दें कि इस सीट 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। आइये जानते हैं इस सीट और वीआईपी अध्यक्ष के बारे में,जिनके पार्टी को बीजेपी ने अपने कोटे से 11 सीट दी है। जी हां खुद को साहनी सन ऑफ मल्लाह (नाविक) कहते वाले मुकेश साहनी 8वीं पास हैं लेकिन, 12 करोड़ रुपए के मालिक हैं। अब मल्लाह समाज के बडे़ नेता माने जाते हैं। इसके पहले उन्होंने बॉलीवुड अपनी पहचान बनाई। वे बॉलीवुड में इवेंट मैनेजमेंट और हिंदी फिल्मों के लिए सेट डिजायन करते थे। उन्होंने 'देवदास' और 'बजरंगी भाईजान' जैसी फिल्मों के लिए डिजायन का काम किया था, जिससे वो काफी लोकप्रिय हुए थे।
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मुकेश साहनी की एक कंपनी है जिसका नाम मुकेश सिनेवर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड है। इस कंपनी को चलाने के लिए उन्होंने अपने कई रिश्तेदारों को रखा है ताकि वह अपने राजनीतिक सपने को पूरा कर सकें।
मुंबई में मिली कामियाबी के बाद मुकेश साहनी पिछले चुनाव से बिहार राजनीति में इंट्री ली। वो शुरू में नीतीश कुमार को समर्थन करते थे। लेकिन, बता दें कि उस समय एनडीए और जेडीयू के बीत गठबंधन टूट गया था। ऐसे में बीजेपी को लगने लगा था कि मल्लाह वोटर्स में अच्छी पकड़ रखने वाले उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार के खिलाफ वो अच्छा विकल्प बन सकते हैं। जिसके चलते बीजेपी ने मुकेश साहनी को अपने खेमें में मिला लिया था।
बताते हैं कि उस समय भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने करीब 40 सभाओं में मुकेश साहनी को अपने साथ रखा था। वह उन्हें अपने साथ हर दिन हेलीकॉप्टर में ले जाते थे और दोनों संयुक्त सभा को संबोधित करते थे। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उनकी जमकर तारीफ की थी। लेकिन, चुनाव बाद यह बात सामने आई कि मल्लाह वोटरों का झुकाव नीतीश कुमार के प्रति अधिक रहा।
मुकेश साहनी भी बीजेपी की विधानसभा चुनाव में हार के बाद फिर वापस मुंबई चले गए थे। लेकिन, पिछले एक वर्ष से बिहार की राजनीति में फिर सक्रिय हुए। वे मल्लाह जाति को वोटरों को एकजुट करने के काम में जुटे हैं। इसके लिए हेलीकॉप्टर, विशेष रथ तक का सहारा ले चुके हैं।
मुकेश साहनी सालों से निर्विवाद तौर पर निषाद समाज के नेता बने रहने में सफल रहे हैं। दबाव बनाने के लिए वह निषाद समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते आ रहे हैं।
अब अगर बात सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा सीट के चुनावी समीकरण की करते हैं। इस विधानसभा सीट पर यादव और मुस्लिम वोटरों की संख्या अधिक है। ऐसे में उनका झुकाव किसी भी नेता का भाग्य खोल सकता है। राजपूत, कोइरी, ब्राह्मण, रविदास, कुर्मी और पासवान वोटर्स भी प्रत्याशियों की हार और जीत का फैसला करते आए हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में 3.23 लाख वोटर्स वोट करेंगे। जिसमें 1.67 लाख पुरुष मतदाता और 1.55 लाख महिला मतदाता हैं।