जेपी नड्डा की रैली उन क्षेत्रों में है जहां बीजेपी के दिग्गज बागी चिराग पासवान (Chirag Paswan) की एलजेपी से जेडीयू (JDU) उम्मीदवार के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं।
औरंगाबाद/काराकट/गोह/पटना। बीजेपी प्रेसिडेंट जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) हफ्ते भर के अंदर दूसरी बार बिहार के चुनावी दौरे पर बिहाए आए। इससे पहले 11 अक्तूबर को उन्होंने गया के गांधी मैदान में पहली चुनावी रैली की थी। नड्डा ने आज उन क्षेत्रों में रैली की जहां से बीजेपी के दिग्गज बागी चिराग पासवान (Chirag Paswan) की एलजेपी से जेडीयू (JDU) उम्मीदवार के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं।
राजनीति में खत्म हुआ जाति-धर्म का खेल
बीजेपी अध्यक्ष ने धारा 370 जैसे केंद्रीय मुद्दों का जिक्र करते हुए कहा-"लोग नारा लगाते थे। एक देश में दो निशान, दो संविधान नहीं चलेंगे। मोदीजी ने दृढ़ नेतृत्व दिया और आर्टिकल 370 को खत्म किया। राम मंदिर और तीन तलाक जैसे ऐतिहासिक कार्य भी उनके ही जिम्मे थे।" उन्होंने कहा- "2014 के पहले देश में चुनाव होते थे, तो हम क्या करते थे? जात के आधार पर, मजहब के आधार पर वोटबैंक की राजनीति हमारी संस्कृति बनी थी। मोदीजी के आने के बाद यह खत्म हुआ।"
सभा को बीजेपी के स्टेट प्रेसिडेंट संजय जायसवाल ने भी संबोधित किया। संजय जायसवाल ने भोजपुरी में कहा- "कुछ लोग खातिर सत्ता बंदूक के गोली से निकलेला। जे सत्ता अइसन होई, ऊ खाली हत्या के काम करी। हमनी के प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में गरीब के झोपड़ी में विकास पहुंचाबे के काम बा।"
औरंगाबाद से सुने नड्डा का भाषण
नड्डा ने बताया- "पीएम नरेन्द्र मोदी ने बिहार के लिए 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपए की घोषणा 2015 में की थी। 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपए तो खर्च किए ही गए हैं, साथ ही मोदी जी ने 40 हजार करोड़ रुपए और भी बिहार के विकास के लिए दिए हैं।"
बिहार के विकास में एनडीए सरकार के योगदान का जिक्र करते हुए जेपी नड्डा ने कहा- "मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे बड़ा अस्पताल बनाने का सपना देखा था। जब पीएम नरेंद्र मोदी को ये बात पता चली तो उन्होंने कहा कि हर हाल में अस्पताल बनेगा। पीएम ने बजट दिया। नड्डा ने कहा- "मैं इसका जिक्र इसलिए कर रहा हूं कि बिहार के विकास के लिए मोदी जी ने क्या क्या नहीं किया है। मैं लेखा-जोखा लेकर आया हूं और गिना सकता हूं कि उन्होंने राज्य के विकास के लिए क्या-क्या किया।"
मोदी ने हर क्षेत्र में किए विकास के काम
नड्डा ने कहा- "आजाद भारत के इतिहास में बिहार में सिर्फ एक मेडिकल कॉलेज खुला था। तीन जरूर खुले थे, लेकिन वो प्राइवेट मेडिकल कॉलेज थे। जब मोदी जी पीएम बने और मैं उनकी कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री बना तो छह साल में मोदी जी ने 11 मेडिकल कॉलेज खोले। ये अपने आप में एक रिकॉर्ड है।" नड्डा ने कहा- "कोरोना के बाद लॉकडाउन के बाद भोजन की दिक्कत थी। लेकिन मोदी ने 80 करोड़ जनता को अनाज देने का वायदा पूरा किया। गांवों-कस्बों में गरीब जनता को आज राशन मिल रहा है कि नहीं।" काराकट की रैली के बाद नड्डा गोह में भी एनडीए के पक्ष में चुनावी सभा करेंगे।
नड्डा की रैली का मकसद
माना जा रहा है कि एनडीए की एकजुटता, कन्फ़्यूजन को दूर करने और एलजेपी को साफ संदेश देने के लिए बीजेपी चीफ की रैली आयोजित की गई है। दरअसल, ये कन्फ़्यूजन चिराग के उस रवैये की वजह से बन गया है जिसमें उन्होंने एनडीए से अलग होकर जेडीयू कोटे की सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया। चिराग ने चुनाव बाद बीजेपी संग राज्य में सरकार बनाने का भी ऐलान किया। इसी क्रम में एलजेपी ने जेडीयू की सीटों पर बीजेपी से आए दिग्गज बागियों को टिकट दिया है। वैसे एलजेपी ने कुछ जगहों पर बीजेपी के खिलाफ भी उम्मीदवार उतारे हैं।
क्या संदेश देना चाहती है बीजेपी?
नड्डा की रैली बीजेपी समर्थकों, जेडीयू और विपक्ष को संदेश देने के लिए भी है कि बिहार में एलजेपी के साथ उसका कोई लेना-देना नहीं है। नीतीश कुमार ही एनडीए की ओर से सीएम फेस हैं। और उन्हीं के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनेगी। बीजेपी ने पहले ही बागियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की है।