बिहार (Bihar) पहुंचकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (EX CM Devendra Fadnavis) ने क्षेत्रीय पार्टियों को दो टूक बताने की कोशिश की कि बिना बीजेपी को साथ लिए, राज्य में विकास की राजनीति संभव नहीं है।
पटना। बिहार में 243 सीटों पर विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) के लिए चुनाव आयोग की घोषणा से पहले बीजेपी (BJP) अंतिम तैयारियों को जांचने और उन्हें मजबूत बनाने के प्रयास में है। इसी क्रम में शुक्रवार को बीजेपी का बिहार चुनाव प्रभारी बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) राज्य के पहले दौरे पर पहुंचे। पार्टी प्रेसिडेंट जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) भी पटना पहुंच रहे हैं। यहां पहुंचकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने क्षेत्रीय पार्टियों को दो टूक बताने की कोशिश की कि बिना बीजेपी को साथ लिए, राज्य में विकास की राजनीति संभव नहीं है। फडणवीस के आने के बाद बिहार चुनाव में सुशांत डेथ केस (Sushant Death Cause) के साथ कंगना रनौट (Kangana Ranaut) और उद्धव सरकार (Uddhav Thackeray Government) के बीच का विवाद बड़ा मुद्दा बनने की संभावना है।
फडणवीस ने कहा, "बिहार के लोग जानते हैं कि बिहार को वही सरकार आगे बढ़ाएगी, जो मोदी सरकार के साथ मिलकर सरकार बनाएगी। वह नहीं, जो केंद्र सरकार से संघर्ष करेगी।" लालू और राबड़ी यादव के कार्यकाल वाले बिहार की नीतीश की एनडीए सरकार से तुलना करते हुए उन्होंने कहा, "बिहार में एनडीए की सरकार बहुत अच्छे तरीके से काम कर रही है। लगातार जनसेवा के माध्यम से लोगों को सहायता पहुंचा रही है। लालूजी के राज से इसकी तुलना करें तो जो आंकड़े हमारे सामने आते हैं, वह स्पष्ट रूप से विकास की गाथा रखते हैं।"
होटल में बनाया गया है बीजेपी का मीडिया सेंटर
इससे पहले चुनाव फडणवीस ने पार्टी के "हाइटेक मीडिया सेंटर" का उद्घाटन किया। इस बार ये सेंटर होटल चाणक्य में बनाया गया है। इस दौरान राज्य इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल समेत बीजेपी के कई आला नेता मौजूद थे। संजय जायसवाल ने अंगवस्त्रम भेंट कर फडणवीस का स्वागत किया। उद्घाटन से पहले उन्होंने चुनाव के लिए पार्टी की ओर से बनाई गई कुछ कमेटियों से राज्य के मौजूदा हालात पर चर्चा की।
नीतीश-चिराग विवाद खत्म करने की होगी कोशिश
फडणवीस आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से भी मुलाक़ात करेंगे। उम्मीद है कि जेपी नड्डा के पहुंचने के बाद दोनों नेता चुनाव में एनडीए (NDA) की स्ट्रेटजी, सीटों के बंटवारे पर भी बात करेंगे। नड्डा चुनाव के लिए बीजेपी के हाइटेक रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। गठबंधन के दलों के बीच जो विवाद है उस पर भी बात कर समाधान खोजा जा सकता है। राजनीतिक वर्चस्व को लेकर जेडीयू (JDU)और एलजेपी (LJP) के झगड़े की वजह से अब एनडीए की काफी किरकिरी हो रही है। चिराग पासवान (Chirag Paswan) नीतीश कुमार को साथ लाने की कोशिश होगी।
अब चुनाव गर्म होगा सुशांत केस
राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि सुशांत केस में कांग्रेस के सहयोग से चल रही महाराष्ट्र की उद्धव सरकार की भूमिका को एक बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश है। इसे ज़ोर-शोर से उठाने के लिए ही फडणवीस को चुनाव से ठीक पहले राज्य का प्रभारी बनाया गया है। सुशांत मामले में फडणवीस शुरू से ही उद्धव सरकार के बहाने मुंबई पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते रहे हैं। इस पूरे प्रकरण में पत्रकारों पर पुलिस कार्रवाई और बीएमसी द्वारा कंगना के ऑफिस को तोड़े जाने को लेकर भी उन्होंने महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला बोला था। कंगना का मुद्दा भी राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है। अब बिहार में उनके आ जाने के बाद चुनाव में इन मुद्दों के और गरमाने की उम्मीद है।