बिहार चुनाव; नीतीश संग रहेंगे या पकड़ेंगे अलग राह? सांसदों संग मीटिंग में चिराग आज ले सकते हैं बड़ा फैसला

लोक जनशक्ति पार्टी को किस भूमिका में रहना है उसका फैसला इसी मीटिंग में लिया जा सकता है। इससे पहले दिल्ली में ही हुई पार्टी संसदीय दल की बैठक में नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए एलजेपी चीफ ने 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का संकेत दिया था।

Asianet News Hindi | Published : Sep 16, 2020 5:12 AM IST

पटना।  बिहार में 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव (Bihar assembly election 2020) के लिए एनडीए (NDA) में सीटों का बंटवारा पूरी तरह से फाइनल नहीं हो पाया है। पिछले दिनों राज्य में एनडीए के सहयोगी दलों के बीच एक फॉर्मूले पर सहमति बनती दिख रही थी। चर्चाओं में कहा गया कि बीजेपी प्रेसिडेंट जेपी नड्डा (BJP Chief JP Nadda) के दौरे के बाद नाराज दिख रहे एलजेपी चीफ चिराग पासवान (LJP Chief Chirag Paswan) के स्वर कमजोर पड़ गए। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को लिखी चिट्ठी के बाद ये साफ हुआ कि वो अभी पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। चिट्ठी में एससी/एसटी समाज के मुद्दों को लेकर चिराग ने नीतीश सरकार पर कई आरोप लगाए हैं। चिट्ठी एपिसोड के बाद चिराग आज दिल्ली में पार्टी सांसदों की बैठक कर रहे हैं। 

कहा जा रहा है कि एनडीए में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को किस भूमिका में रहना है उसका फैसला इसी मीटिंग में लिया जा सकता है। इससे पहले दिल्ली में ही हुई पार्टी संसदीय दल की बैठक में नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए एलजेपी चीफ ने 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का संकेत दिया था। ये संकेत खासतौर से जेडीयू के लिए था। इसी मीटिंग में पार्टी ने चिराग को कोई भी अंतिम फैसला लेने के लिए फ्रीहैंड किया था और बाद में रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) ने भी चिराग के हर फैसले के साथ बने रहने का ऐलान किया था। हालांकि बिहार में नड्डा के दौरे के बाद चिराग ने उन बातों को खारिज किया जिसमें एनडीए में सीटों की शेयरिंग को लेकर सहयोगी दलों में विवाद की बात कही गई। 

चिराग का विवाद क्या है?
एनडीए में एलजेपी की भूमिका को लेकर चिराग लगातार दबाव बना रहे हैं। इस कड़ी में उन्होंने नीतीश सरकार के कामकाज की भी आलोचना की थी। यहां तक कि उन्होंने इशारों में इस बार मुख्यमंत्री का पद बीजेपी को दिए जाने की वकालत भी की। इसके पीछे की वजह चिराग का एलजेपी के लिए 43 से ज्यादा सीटों की मांग माना गया। हालांकि चिराग को भाव देने की बजाय नाराज नीतीश कुमार ने हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा (HAM) चीफ जीतनराम मांझी को अपने खेमे में मिला लिया। इसे चिराग पर नीतीश की ओर से अंकुश लगाने की प्रक्रिया के दौर पर देखा गया। 

मांझी (Jeetanram Manjhi) ने भी इशारों में चिराग के खिलाफ बयान दिया और यह भी कहा कि अगर जेडीयू के खिलाफ एलजेपी उम्मीदवार उतारेगी तो हिन्दुस्तानी अवामी भी उन सीटों पर उम्मीदवार देगी जहां एलजेपी चुनाव लड़ेगी। जेडीयू नेताओं ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। बाद में हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा के पोस्टर में एनडीए नेताओं में चिराग गायब थे। हालांकि ताजा पोस्टर में उन्हें भी जगह दी गई है। 

एनडीए में सीटों का समझौता क्या है?
हाल ही में एनडीए में सीट शेयरिंग का जो फॉर्मूला सामने आया उसमें एलजेपी को 23 सीटों को देने की चर्चा हुई। एक विधान परिषद की सीट देने की भी बात सामने आई। सबसे ज्यादा 119 सीटें जेडीयू को और बीजेपी को 100 सीटें देने की चर्चा है। जेडीयू (JDU) अपने कोटे से ही मांझी को सीटें देगी। जबकि आधा दर्जन सीटें बीजेपी की ओर से एलजेपी को देने की चर्चा है। लेकिन 43 सीटों पर दावा ठोक रहे चिराग के रुख से ऐसा लग रहा है कि वो शेयरिंग फॉर्मूले से संतुष्ट नहीं हैं। आज की मीटिंग में उनकी योजना पूरी तरह साफ हो जाने की उम्मीद है। 

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