निश्चय संवाद में नीतीश का लालू-तेजस्वी से सवाल- अल्पसंख्यकों से वोट लिया, भागलपुर दंगों पर क्या किया?

विधानसभा चुनाव कैम्पेन के दूसरे दिन वर्चुअल रैली में नीतीश कुमार ने अपनी सरकार और उससे पहले लालू यादव और राबड़ी देवी की सरकार और कामकाज  का फर्क बताया। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 13, 2020 6:58 AM IST

पटना। विधानसभा चुनाव कैम्पेन के दूसरे दिन वर्चुअल रैली में नीतीश कुमार ने अपनी सरकार और उससे पहले लालू यादव और राबड़ी देवी की सरकार और कामकाज  का फर्क बताया। नीतीश कुमार ने कहा- हमने हर लिहाज से काम किया। वो चाहे जंगलराज से मुक्ति हो या लड़कियों की शिक्षा और रोजगार को बढ़ावा देना। नीतीश ने कहा- हमने छोटे-छोटे उद्योगों को बढ़ाने का काम किया। कानून का राज स्थापित किया। 

पटना कार्यालय से हुई निश्चय संवाद लाइव में नीतीश ने लालू यादव का नाम लिए बिना कहा- "कुछ लोग सेवा-सेवा बोलते रहते हैं, लेकिन बस मेवा खाना चाहते हैं। लोग अल्पसंख्यकों के नाम पर वोट लेते हैं लेकिन किया क्या है? भागलपुर में जो दंगा हुआ उसके लिए क्या किया? हमने सरकार में आते ही जांच कराई, पीड़ितों को 2500 रुपए प्रतिमाह देने का प्रावधान किया।" 

हमने कानून का राज स्थापित किया 
नीतीश ने कहा- "लोग विकास की बात करते हैं लेकिन उनको पता ही नहीं है कि बिहार का कितना विकास हुआ है। पूरे राज्य की वृद्धि हुई है कोई यहां उद्योग नहीं लगाना चाहता क्योंकि यहां समुद्र नहीं है इसलिए हम स्थानीय स्तर पर उद्योग लगाने के लिए काम कर रहे हैं। हम लोगों ने काम किया है हमसे पहले पति-पत्नी को राज मिला उन्होंने क्या किया? कानून की क्या स्थिति थी? लोग सही कहते हैं कि नई पीढ़ी को बताना चाहिए बिहार में जंगलराज के बारे में। हमने कहा था कानून का राज स्थापित करेंगे, न्याय के साथ विकास करेंगे, हर तबके का विकास करेंगे और किया है।"

हर वर्ग का किया विकास 
मुख्यमंत्री ने कहा- "उद्यमी योजना की हमने शुरूआत की है। अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति वर्ग को लोन दे रहे हैं, अनुदान दे रहे हैं। जो किनारे थे समाज में, SC/ST वर्ग, अल्पसंख्यक समाज, अतिपिछड़ा समाज सबके लिए अनेक योजनाएं बनाई हैं। उनको मुख्य धारा से जोड़ा गया है। 7 सितंबर को हमने जो कार्यक्रम किया, उसमें हमने हर काम का ब्यौरा दिया। जो काम बाकी हैं वो भी पूरे हो जाएंगे। हमने कृषि रोड मैप के द्वारा किसानों के लिए काम किया।"

उन्होंने कहा- "हमारे विद्यार्थी इंजीनियरिंग, मेडिकल पढ़ने के लिए बाहर जाते थे। हमने राज्य में ही पढ़ने के लिए व्यवस्था की। संस्थान शुरू किए, स्टूडेंट्स को क्रेडिट कार्ड के माध्यम से सहायता दी। लड़कियों के लिए आरक्षण दिया। इसका प्रभाव दिखा लड़कियां पढने लगीं, आगे बढ़ने लगीं और उनकी हर क्षेत्र में भागीदारी बढ़ी है। इसको आगे भी हर क्षेत्र में लागू करेंगे।" 

नीतीश ने यह भी कहा- "हमने लड़कियों की शिक्षा के लिए काम किया, इस बार मैट्रिक की परीक्षा में लड़कियों की संख्या लड़कों से ज्यादा थी। जो बच्चे स्कूल से वंचित थे उनको स्कूल पहुंचाने का काम किया। बच्चों-बच्चियों की पढ़ाई के लिए काम किया। पहले पूरे बिहार में 1 लाख 70 हजार से भी कम लड़कियां स्कूल जाती थी अब 9 लाख से भी ज्यादा हो गई। बिहार में प्रजनन दर को हम लोगों ने कंट्रोल किया है लोगों को शिक्षित करने से ऐसा हुआ है।"

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