बिहार में फ्री कोरोना वैक्सीन के वादे पर राहुल गांधी ने उठाए सवाल, विवाद पर भूपेन्द्र यादव ने दी ऐसी सफाई

महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) और कांग्रेस (Congress) के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने बीजेपी पर सवाल उठाए हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 22, 2020 11:53 AM IST / Updated: Oct 23 2020, 10:38 AM IST

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Polls 2020) के लिए बीजेपी (BJP) का घोषणापत्र आ गया है। हालांकि कोरोना को लेकर एक वादे की वजह से बीजेपी, विपक्ष के निशाने पर है। महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) समेत कांग्रेस (Congress) के कई दिग्गज नेताओं ने बीजेपी पर सवाल उठाए हैं। अब बिहार बीजेपी के प्रभारी भूपेन्द्र यादव (Bhupendra Yadav) को सफाई देनी पड़ी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बीजेपी के बावे वादे पर निशाना साधा है। राहुल ने कहा- "भारत सरकार ने कोविड वैक्सीन बांटने की अनाउंसमेंट कर दी है। वैक्सीन और झूठे वादे आपको कब मिलेंगे, ये जानने के लिए कि कृपया अपने राज्य के चुनाव की तारीख देखें।"

बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि बिहार की सत्ता में आए तो कोरोना वायरस का फ्री टीकाकरण होगा। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि कोरोना का टीका बीजेपी का नहीं, पूरे देश का है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी चुनाव आयोग (EC) से मामले पर संज्ञान लेने को कहा। थरूर के ट्वीट पर जवाब देते हुए भूपेंद्र यादव ने कहा- "निर्मला सीतारमण के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। सभी पार्टियां घोषणापत्र जारी करती हैं। मामूली लागत पर सभी भारतीयों को टीके उपलब्ध कराए जाएंगे। कोई राज्य चाहे तो इसे फ्री भी कर सकता है।" 

सीतरमण ने क्या कहा था?
आज पटना में निर्मला सीतरमण समेत दिग्गज नेताओं ने बीजेपी का घोषणापत्र जारी किया। पार्टी ने इसे "आत्मनिर्भर बिहार का रोडमैप 2020-25" का नाम दिया है। इस दौरान सीतारमण ने कहा कि जब तक कोरोना का टीका नहीं आ जाता है, तब तक मास्क ही टीका है। वैक्सीन आने के बाद भारत में बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन होगा। हमारा संकल्प है कि जब टीका तैयार होगा तब हर बिहारवासी को फ्री उपलब्ध कराया जाएगा। 

बीजेपी के 11 संकल्प 
बीजेपी के घोषणा पत्र में पांच सूत्र, एक लक्ष्य और 11 संकल्प गिनाए गए हैं। इसमें कृषि सेक्टर में सप्लाई चेन से 11 लाख रोजगार, मछलियों के उत्पादन में बिहार को नंबर एक राज्य बनाना, दो साल में 15 नए प्रोसेसिंग उद्योग लगाना, 2022 तक गांव और शहरी क्षेत्रों में 30 लाख लोगों को पक्के मकान देना और एक करोड़ महिलाओं को स्वावलंबी बनाना शामिल है। 

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