JDU में शामिल हुए रघुवंश प्रसाद के बेटे सत्यप्रकाश, लालू यादव के परिवारवाद पर किया तीखा हमला

जेडीयू में आते ही सत्यप्रकाश ने आरजेडी चीफ लालू यादव (RJD Chief Lalu Yadav) के परिवारवाद पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरजेडी पर टिकट बेचे जाने का भी आरोप लगाया। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 8, 2020 11:34 AM IST / Updated: Oct 08 2020, 06:27 PM IST

पटना। पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिग्गज नेता रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) के बेटे सत्यप्रकाश सिंह (Satyaprakash Singh) ने आखिरकार जेडीयू (JDU) की सदस्यता ले ही ली। आज वशिष्ठ नारायण की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी का दामन था। जेडीयू में आते ही सत्यप्रकाश ने आरजेडी चीफ लालू यादव (RJD Chief Lalu Yadav) के परिवारवाद पर तीखा हमला किया और बताया पिता ने आखिरी पत्र में मुझे राजनीति में आने के लिए संकेत दिया था। उन्होंने आरजेडी पर टिकट बेचे जाने का भी आरोप लगाया। 

सत्यप्रकाश ने कहा- "मेरी पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीति की रही है। लेकिन एक परिवार से एक ही व्यक्ति राजनीति में होना चाहिए यही समाजवाद है। पिताजी श्रद्धेय कर्पूरी ठाकुर जी के आदर्शों को मानते थे। पिताजी ने मरते समय जो पत्र लिखा, उसमें उन्होंने इशारा किया कि मैं राजनीति में आऊं।" सत्यप्रकाश ने गरीब सवर्णों के 15% आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कैसे आरजेडी ने उसे घोषणापत्र से बाहर कर दिया था। 

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आरजेडी में बेचे जा रहे थे टिकट 
सत्यप्रकाश ने यह भी आरोप लगाया कि पिताजी की बातों को आरजेडी और लालू यादव ने नहीं सुनी किसकी उन्हें काफी पीड़ा थी। सत्यप्रकाश ने कहा- "आरजेडी और लालू यादव जी के परिवार के लोगों ने उनकी बातों को नहीं सुना, इससे उनको पीड़ा हुई। जिसके कारण उन्होंने अस्पताल से इस्तीफा दिया क्योंकि पार्टी के सिद्धांतों को दांव पर लगा कर टिकट की खरीदी हो रही है व अपराधियों को जगह दी जा रही है।" वशिष्ठ नारायण ने सत्यप्रकाश के जेडीयू में आने का ऐलान किया और बताया कि मौजूदा राजनीति में बहुत ही कम लोग श्रद्धेय रघुवंश बाबू जैसे हैं। रघुवंश बाबू का पिछले दिनों दिल्ली में इलाज के दौरान निधन हो गया था। 

अस्पताल से लालू पर किया था हमला 
जीवन के आखिरी क्षणों में आरजेडी से इस्तीफा देकर उन्होंने लालू पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।  तभी से यह माना जा रहा था कि वो जेडीयू में शामिल हो जाएंगे। हालांकि उनका निधन हो गया था। वैशाली और आसपास के इलाकों में मजबूत पकड़ रखने वाले रघुवंश बाबू की रामा सिंह से राजनीतिक अदावत थी। वो नहीं चाहते थे कि रामा सिंह राजनीति में आएं।    

पिता की विरासत को संभाल कर रखेंगे सत्यप्रकाश 
वशिष्ठ नारायण ने कहा- "रघुवंश बाबू के साथ कई बार रहने का मौका मिला, समाजवाद उनके शब्दों में ही नहीं उनके जीवन में भी देखने को मिलता था। उनके पुत्र उनकी विरासत को आगे बढ़ाते हुए असहाय, गरीब,पीड़ितों को सहायता देने का काम करेंगे व हर वर्ग को पार्टी से जोड़ने का काम करेंगे।" वशिष्ठ नारायण ने यह भी कहा कि सत्यप्रकाश अपने पिता की विरासत को संभाल कर रखेंगे।

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