कोरोना कंट्रोल रूम को बिहार लौटे 2 लोगों की जानकारी देना पड़ा भारी, पीट-पीटकर हुई हत्या

कोरोना से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन में बाहर से गांव आने वाले लोगों की प्रशासन तलाश कर उनकी जांच कर रही है। इस काम में स्थानीय लोग भी प्रशासन की मदद कर रहे हैं। जो इस महामारी से बचने के लिए जरूरी भी है। लेकिन इस कारण लोगों में विवाद भी हो रहा है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 31, 2020 6:51 AM IST / Updated: Mar 31 2020, 02:44 PM IST

सीतामढ़ी। लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में बिहार के रहने वाले लोग बाहर से गांव लौट रहे हैं। जिनसे गांवों में संक्रमण का खतरा है। इस खतरे को कम करने के लिए प्रशासन वैसे लोगों की तलाश कर उनकी जांच कर रही है। इसके लिए सभी पंचायतों में बाहर से लौटे लोगों को 14 दिनों तक क्वारेंटाइन में रखने का निर्देश है। लेकिन इस कारण गांव में आपसी विवाद भी बढ़ा है। ताजा मामला बिहार के सीतामढ़ी जिले का है। जहां मुंबई से लौटे दो लोगों की सूचना कोरोना कंट्रोल रूम में देने वाले युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।

इस तरह की देश की पहली घटना
मिली जानकारी के अनुसार जिले के रून्नीसैदपुर थाने के मधौल गांव में मुंबई से दो लोग कुछ दिनों पहले लौटे थे। जिसकी सूचना गांव के ही 20 वर्षीय बबलू कुमार ने कोरोना कंट्रोल रूम को दी थी। इसी बात से नाराज दूसरे पक्ष के लोगों ने बबलू की पीट-पीट कर हत्या कर दी।

बिहार ही नहीं, पूरे देश में यह अपने तरह की हत्या की पहली घटना है। बबलू के पिता विनोद सिंह ने मुंबई से गांव लौटे मुन्ना कुमार महतो, सुधीर कुमार महतो और दोनों के परिजनों को आरोपी बनाया है। 

दो आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
मृतक के भाई गुड्डू सिंह ने पुलिस को बताया कि सुधीर महतो और मुन्ना महतो 20 मार्च के आसपास मुंबई से गांव लौटे। दोनों के बारे में बबलू ने कंट्रोल रूम को सूचना दी थी। 24 मार्च को चिकित्सकों की टीम ने दोनों युवकों की जांच की। कंट्रोल रूम में सूचना देने के कारण दोनों युवक और इनके परिजन दुश्मन बन गए। रविवार की देर शाम बबलू को अकेला पा कर उन लोगों ने पकड़ लिया। उसे इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। स्थानीय पुलिस ने युवक की पीट-पीटकर हत्या मामले में दो आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

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