264 करोड़ का पुल 29 दिन में टूटा, सीएम ने किया था उद्घाटन, तेजस्वी ने नीतीश को बताया भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह

Published : Jul 16, 2020, 01:08 PM ISTUpdated : Jul 16, 2020, 01:22 PM IST
264 करोड़ का पुल 29 दिन में टूटा, सीएम ने किया था उद्घाटन, तेजस्वी ने नीतीश को बताया भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह

सार

पीडब्ल्यूडी मंत्री नंद किशोर यादव ने पुल ढहने को प्राकृतिक आपदा से जोड़ दिया है। मंत्री ने कहा कि प्राकृति आपदा की वजह से यह आफत आई है। इस पर आरजेडी को राजनीति नहीं करनी चाहिए। नुकसान का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टूटे हुए हिस्से को जल्द ठीक कराएंगे

पटना (Bihar ) । बिहार में गोपालगंज के बैकुंठपुर में एक पुल उद्घाटन के 29 दिन बाद ही बह गया। यह पुल गंडक की सहायक नदी सोती पर बनाया गया था। इसकी लागत करीब 264 करोड़ रुपए बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि  नेपाल से पानी छोड़े जाने औरभारी बारिश के कारण गंडक नदी पर भारी दबाव है। एक दिन पहले ही तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी का बहाव था। इतने बड़े जलस्तर के दबाव से गोपालगंज को चंपारण, सारण और तिरहुत से जोड़ने वाला सत्तरघाट महासेतु का एप्रोच रोड ध्वस्त हो गया। बैकुंठपुर के फैजुल्लाहपुर में इस पुल के टूट जाने से आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। बता दें कि गत 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस महासेतु का उद्घाटन किया था। 

तेजस्वी ने कही ये बातें
तेजस्वी यादव ने टूटे पुल की फोटो ट्टीट किया है। साथ ही लिखा है कि 263 करोड़ से 8 साल में बना। लेकिन, मात्र 29 दिन में ढ़ह गया पुल। संगठित भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश जी इस पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे और ना ही साइकिल से रेंज रोवर की सवारी कराने वाले भ्रष्टाचारी सहपाठी पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करेंगे। बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है।

...चूहे शराब पी जाते हैं
तेजस्वी ने दूसरे पोस्ट में टूटे पुल का वीडियो ट्टीट किया है, जिसमें लिखा है कि 8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश जी ने उद्घाटन किया था आज 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया। ख़बरदार!अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो?263 करोड़ तो सुशासनी मुँह दिखाई है। इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते है

 

कंस्ट्रक्शन कंपनी ने की लापरवाही
महासेतु की सड़क पर बने इस छोटे पुल के निर्माण के समय सोती के दोनों किनारे बोल्डर पिचिंग नहीं की गई। इससे मुख्य सड़क पानी का दबाव नहीं सह सकी और सिर्फ छह घंटे में 15 मीटर चौड़ी सड़क 20 फीट की लंबाई में कट कर बह गई।

एसएच 90 को एसएच 27 से जोड़ता है यह रास्ता
1440 मीटर लंबे और 15 मीटर चौड़ाई वाले इस पुल को बनाने में 8 साल लगे। यह गोपालगंज-पूर्वी चंपारण को जोड़ता है। दोनों जिलों को जोड़ने के लिए 15 मीटर चौड़ा और 9.7 किमी लंबा एप्रोच रोड भी बनाया गया है।
 

इस वजह से ढहा पुल: पीडब्ल्यूडी मंत्री
पीडब्ल्यूडी मंत्री नंद किशोर यादव ने पुल ढहने को प्राकृतिक आपदा से जोड़ दिया है। एक निजी चैनल से बातचीत में मंत्री ने कहा कि प्राकृति आपदा की वजह से यह आफत आई है। इस पर आरजेडी को राजनीति नहीं करनी चाहिए। नुकसान का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टूटे हुए हिस्से को जल्द ठीक कराएंगे
 

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