
पटना (Bihar) । चूल्हे से निकली चिंगारी से लगी झोपड़ी में आग लगने के कारण चार मासूम जिंदा जल मरे। इनमें तीन लड़कियां और एक लड़का शामिल है, जो सगे भाई-बहन थे। इनके माता-पिता मजदूर हैं और सबको घर के अंदर रहने की हिदायत देकर काम पर निकल गए थे। यह हादसा पुनपुन थाना क्षेत्र के अलाउद्दीनचक गांव में बुधवार की सुबह हुई।
चूल्हे से निकली चिंगारी
पुलिस की शुरूआती जांच में यह बात सामने आई कि हादसे के शिकार हुए सभी बच्चे छोटू पासवान के थे। छोटू और उनकी पत्नी मजदूरी करते हैं। हर दिन की तरह बुधवार की सुबह वे मजदूरी करने गए थे। इन्हें कोरोना वायरस का डर सता रहा था। इस कारण छोटू ने काम पर जाने से पहले डॉली और सभी बच्चों को घर के अंदर ही रहने को कहा था। उन्हें बाहर जाने से मना किया था। बड़ी बेटी डॉली को गेट बंद रखने को कहा था।
ऐसे हुआ हादसा
परिवार वालों से बात और पुलिस की शुरुआती जांच के बाद पता चला कि बड़ी बेटी डॉली झोपड़ी के अंदर खाना बना रही थी। उसकी छोटी बहनें और भाई अंदर ही खेल रहे थे। खाना बनाने के समय ही चूल्हे से निकली चिंगारी से झोपड़ी में आग लगी। इसके बाद ही आग ने रफ्तार पकड़ी। चंद मिनटों में पूरी झोपड़ी आग के लपटों से घिर गई। अंदर मौजूद बच्चे इनमें 12 साल की डॉली, 8 साल की राखी, 6 साल की आरती और 4 साल का अंकित चिल्लाने और रोने लगे। जब तक उनकी मदद के लिए आसपास के लोग जुटे, तब तक सभी की मौत हो चुकी थी।
सीएम ने दिया चार-चार का अनुग्रह अनुदान
सीएम नीतीश कुमार ने गहरा दुःख जताया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मृतक बच्चों के परिजन को 4-4 लाख रुपए का अनुग्रह अनुदान शीघ्र उपलब्ध कराया जाए।
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