सिविल सर्जन ने बताया कि तमाम तरह के एहतियात बरते जा रहे हैं तथा उचित इलाज भी मुहैया कराया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग द्वारा लूज वोल्डर स्ट्रक्चर निर्माण कार्य में लगे मजदूरों तथा उनके परिजन के लिए शुद्ध पेयजल तक की व्यवस्था नहीं है। यही कारण है कि मजबूरन उन लोगों को पहाड़ी पानी पीना पड़ा और जान गवानी पड़ी।
रोहतास (Bihar) । पिछले पांच दिनों में 3 बच्चों की मौत की खबर आ रही है। वहीं, एक अन्य बच्चे की मौत की भी चर्चा है। अब स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पहुंच गई है। यह घटना जिला मुख्यालय से 135 किलोमीटर दूर चपरी गांव के स्थित जंगल में बसे बस्तियों की है। जहां मौत की वजह दूषित पानी बताया जा रहा है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
मजदूरों के बच्चे हैं सभी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया जा रहा है कि वन विभाग द्वारा लूज वोल्डर स्ट्रक्चर का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें बहुत सारे मजदूर काम कर रहे हैं। इन्हीं मजदूरों के बच्चों की मौत उल्टी दस्त तथा पेट दर्द होने के बाद हुई है। कहा जा रहा है कि दूषित पानी पीने से अलग-अलग गांव में 40 से अधिक लोग बीमार हैं। बीमार लोगों में उल्टी दस्त की शिकायत है।
जानकर बता रहे ये बातें
जानकार बताते हैं कि जंगली इलाकों में पहाड़ों से निकलने वाले कई जलस्रोत में खनिज आदि मिला रहता है, जो कभी कभी जहरीला हो जाता है। घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए सासाराम के सिविल सर्जन डॉक्टर सुधीर कुमार मेडिकल टीम के साथ खुद गांव पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मिले। इसके अलावा जिन लोगों में उल्टी दस्त आदि की शिकायत है, उन्हें दवा दी गई है।
गांववालों ने दी ये जानकारी
सिविल सर्जन ने बताया कि तमाम तरह के एहतियात बरते जा रहे हैं तथा उचित इलाज भी मुहैया कराया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग द्वारा लूज वोल्डर स्ट्रक्चर निर्माण कार्य में लगे मजदूरों तथा उनके परिजन के लिए शुद्ध पेयजल तक की व्यवस्था नहीं है। यही कारण है कि मजबूरन उन लोगों को पहाड़ी पानी पीना पड़ा और जान गवानी पड़ी।