आबादी के बीच क्वारेंटाइन सेंटर का विरोध कर रहे थे गांववाले, नहीं सुनी गई बात तो किया ऐसा काम

कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच बिहार के पूर्णिया से क्वारेंटाइन सेंटर का ताला तोड़कर भगा देने का मामला सामने आया है। क्वारेंटाइन सेंटर रिहायशी इलाके में था। स्थानीय लोग विरोध कर रहे थे। 
 

Asianet News Hindi | Published : May 18, 2020 8:00 AM IST

पूर्णिया। दूसरे राज्यों से प्रवासियों के आने के साथ-साथ बिहार में कोरोना के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इस बीच प्रवासी मजदूरों को 14 दिनों तक क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। नियमानुसार क्वारेंटाइन सेंटर में प्रवासी को भोजन-पानी के साथ-साथ सभी बुनियादी सुविधाएं देना है। लेकिन वास्तिवकता इसके विपरीत है। सरकारी तंत्र के हवाले से कई क्वारेंटाइन सेंटर से ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जहां लोग योगा करते, इफ्तार करते, टेलीविजन देखते दिख रहे हैं। इसके साथ-साथ कई जिलों के क्वारेंटाइन सेंटर में सुविधाओं के अभाव के मामले भी सामने आए हैं। इस बीच पूर्णिया के एक क्वारेंटाइन सेंटर का ताला तोड़ कर 70 प्रवासियों को भगा दिए जाने का मामला सामने आया है। 

रिहायशी इलाके में क्वारेंटाइन का विरोध
पूर्णिया के कसबा थाना क्षेत्र के बसंतपुर गांव में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर का ताला तोड़ कर 90 प्रवासियों को भगा दिया गया। बताया जाता है कि ये सभी प्रवासी बीते कुछ दिनों में दूसरे राज्यों से आए थे। क्वारेंटाइन का ताला बसंतपुर के ग्रामीणों ने ही तोड़ा। मामले में पुलिस ने 27 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। फिलहाल पुलिस ने उस क्वारेंटाइन सेंटर को वहां से शिफ्ट कर दिया है। बताया जाता है कि उक्त क्वारेंटाइन सेंटर रिहायशी इलाके में था। जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे थे। 

मक्के के खेत में छिपकर बचाई जान
ग्रामीणों को डर था कि प्रवासी लोगों से वहां के स्थानीय लोगों में भी कोरोना का संक्रमण फैल सकता है। इस कारण रविवार को स्थानीय ग्रामीणों ने क्वारेंटाइन सेंटर का ताला तोड़कर प्रवासियों को वहां से भगा दिया। बसंतपुर मध्य विद्यालय बीच गांव में है। स्कूल के आस-पास लोगों की घनी आबादी है। ऐसे में लोग उक्त स्कूल में क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जाने का शुरू से विरोध कर रहे थे। बताया जाता है कि स्थानीय लोगों के विरोध के कारण हालात ऐसे बनें कि प्रवासियों ने मक्के के खेत में छिपकर अपनी जान बचाई। आज सुबह पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद प्रवासियों को जमा कर कुल्लाखास गांव के पंचायत भवन में शिफ्ट किया है।

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