
पटना। एनआरसी को लेकर पूरे देश में चल रहे विरोध के बीच बिहार विधानसभा से राज्य में एनआरसी लागू नहीं किए जाने का प्रस्ताव आज पारित हो गया। मंगलवार को विधानसभा में मौजूद सदस्यों की सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया। इसके साथ ही एनपीआर के मसले पर भी एक संशोधन प्रस्ताव पारित किया गया। एनपीआर के बारे में सरकार ने बताया कि 2010 के प्रावधान के अनुसार ही एनपीआर राज्य में लागू किया जाए। बता दें कि एनआरसी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही यह घोषणा कर दी थी कि राज्य में एनआरसी नहीं लागू किया जाएगा।
नेता प्रपिपक्ष ने सूबे की जनता को दी बधाई
विधानसभा से प्रस्ताव पारित होने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस प्रस्ताव के लिए सरकार का आभार जताया, साथ ही राज्य की जनता को बधाई दी। हालांकि सीएए के मुद्दे पर नीतीश ने रूख स्पष्ट करते हुए कहा कि सीएए तीन देशों के अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा के लिए है। यह केंद्र का कानून है। यह गलत है अथवा सही इसका फैसाल सुप्रीम कोर्ट को करना है। साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि 2003 में सीएए का प्रस्ताव कांग्रेस की ओऱ से लाया गया था। तब उस कमेटी में लालू प्रसाद यादव भी शामिल थे।
जातिगत जनगणना की सीएम ने फिर की मांग
सके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से जातिगत जनगणना की फिर से मांग की है। बता दें कि पूर्व में लालू प्रसाद यादव द्वारा इस मांग को उठाए जाने के बाद फिर सीएम ने कहा था कि हम इस मांग के साथ है। सीएम ने कहा कि जातिगत जनगणना के लिए वे फिर से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे।
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