
पटना. बिहार के लोगों का मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्तव्यस्त हो गया है। बाढ़ की वजह से नारकीय जीवन जी रहे लाखों लोगों को अभी राहत नहीं मिल पा रही है। सरकार और प्रशासन ने भले ही पूरी ताकत लगा दी हो, लेकिन करीब एक सप्ताह होने के बाद भी राज्य में स्थितियां जस की तस बनी हुई हैं। लोगों को रहने के लिए छत तक नहीं बचा है, वह अपना घर-बार छोड़कर सड़कों पर रह रहे हैं।
अब 42 लोगों की हुई दर्दनाक मौत
सबसे ज्यादा हालात तो राजधानी पटना के हैं। जब सीएम ने हवाई सर्वे किया तो लोगों ने उनसे मिलकर अपनी दुखभरी कहानी बयां की। राज्य में महामारी की आशंका हो रही है। करीब 15 से 17 लाख लोग इस आपदा की चपेट में हैं। बारिश से जुड़े हादसों में अब तक 42 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं कई इन घटनाओं में घायल हुए हैं। मरने वाले 42 लोगों में भागलपुर में दस, गया में छह, पटना एवं कैमूर में चार-चार, खगड़िया एवं भोजपुर में तीन-तीन, बेगूसराय, नालंदा एवं नवादा में दो-दो, पूर्णिया, जमुई, अरवल, बांका, सीतामढी एवं कटिहार में एक-एक व्यक्ति शामिल हैं ।
मुख्यमंत्री ने जलमग्न का किया हवाई सर्वे
सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार को पटना के जलमग्न हो गए इलाकों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। पटना के एक अणे मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास से गांधी मैदान होते हुये नीतीश ने मंगलवार को शहर के जलजमाव वाले क्षेत्रों का मुआयना किया।
लोगों ने सीएम को सुनाई अपनी दुखभरी कहानी
मुख्यमंत्री ने श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में चलाये जा रहे आपदा राहत बचाव कार्य के लिये राहत सामग्री आपूर्ति, भंडारण, पैकेटिंग एवं निर्गत केन्द्र का जायजा लिया। उन्होंने इसके पश्चात सैदपुर के जलजमाव वाले क्षेत्रों का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। निरीक्षण के उपरांत मुख्यमंत्री ने जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से मुलाकात कर उनकी परेशानियां सुनी तथा उनके निदान के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने जल निकासी के कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया।
डिप्टी सीएम ने अधिकारियों के साथ की मीटिंग
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में मंत्रियों, स्थानीय विधायकों व पटना नगर निगम, बुडको तथा नगर विकास विभाग के आला अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर जलमग्न इलाकों में उच्च क्षमता के पम्प लगा कर जमे हुए पानी में अगले 48 घंटे में उल्लेखनीय कमी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि कोल इंडिया, एनटीपीसी और कल्याणपुर सीमेंट से मंगाए गए उच्च क्षमता के पम्पों के जरिए कंकड़बाग और राजेन्द्र नगर जैसे सर्वाधिक प्रभावित इलाकों से पानी को निकाला जायेगा।
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