देश की बॉर्डर पर मिला मानव कंकाल का जखीरा, आखिर क्या है 28 खोपड़ी का राज?..सामने आ रहा ये कनेक्शन


एक वैन से मानव कंकाल अररिया से नेपाल ले जाए  जा रहे थे। नेपाल आर्म्ड फोर्स यानी APF ने 28 मानव कंकाल बरामद किए। मानव कंकाल की बरामदगी से नेपाल और भारत की सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं।

Asianet News Hindi | Published : Oct 7, 2021 1:13 PM IST

अररिया : भारत-नेपाल सीमा में उस वक्त सनसनी फैल गई, जब एक वैन से मानव कंकाल (Human Skeleton)मिले। बिहार के अररिया से नेपाल जा रही टैक्सी से नेपाल आर्म्ड फोर्स यानी APF ने 28 मानव कंकाल बरामद किए हैं। भारतीय सीमा क्षेत्र जोगबनी होते हुए नेपाल जा रही नेपाली टैक्सी से भारी संख्या में मानव कंकाल की बरामदगी से नेपाल और भारत की सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। जब्त वाहन पर नेपाली नंबर लगा है लेकिन वह फर्जी नंबर बताया जा रहा है।

खोपड़ियों की संख्या ज्यादा
मामला 4 अक्टूबर देर शाम का बताया जा रहा है। भारत से नेपाल की ओर वैन कार जा रही थी। नेपाल आर्म्स फोर्स ने सीमा में दाखिल होने के बाद इसकी तलाशी ली। इसमें नरकंकाल देखकर सभी के होश उड़ गए। मानव कंकाल में अधिकतम खोपड़ी और जांघ की हड्डी मिली हैं। पहले लगा कि ये जानवरों के कंकाल हैं लेकिन बाद में मानव कंकाल होने की पुष्टि हुई। भारतीय सीमा पर तैनात SSB का कहना है कि ये वैन भारतीय सीमा से नहीं गई है। ऐसे में इस मामले को काफी संवेदनशील बताया जा रहा है। SSB ने अलर्ट जारी कर दिया है। उधर, नेपाल आर्म्स फोर्स ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है।

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जांच के दौरान ड्राइवर फरार
स्थानीय लोगों के मुताबिक जोगबनी रेलवे स्टेशन पर नेपाल नंबर की टैक्सियां लगी रहती हैं। भारत के बड़े शहरों से नेपाल लौटने वाले यात्री इन पर सवार होकर नेपाल के शहरों के लिए जाते हैं। इसी  कड़ी में उस दिन एक खाली टैक्सी नेपाल की तरफ जा रही थी। रानी इलाके में भन्सार के पास जब नेपाली पुलिस ने गाड़ी को चेक किया तो ड्राइवर भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर फरार हो गया। हालांकि नेपाली पुलिस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है।

बिहार के इसी क्षेत्र में पंचायत चुनाव 
बता दें कि भारतीय सीमावर्ती क्षेत्र में इन दिनों पंचायत चुनाव का माहौल है। इसे लेकर पुलिस और SSB काफी अलर्ट हैं। सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए हर स्तर पर जांच की जाती है। लेकिन 4 अक्टूबर  की शाम नेपाल नंबर की गाड़ी की बॉर्डर पार करते समय किस परिस्थिति में जांच नहीं की गई या फिर इसके पीछे क्या सच्चाई है, इसका खुलासा होना आवश्यक है। 

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