बिहार मदरसा बोर्ड के चेयरमैन अब्दूल कय्यूम अंसारी के बारे में एक न्यूज पोर्टल ने दावा किया कि वो दिल्ली के तब्लीगी मरकज में शामिल हुए थे। इस सूचना के प्रसारित होने के बाद मेडिकल टीम फुलवारीशरीफ स्थित उनके घर सैंपल लेने पहुंची।
पटना। कोरोना वायरस को लेकर कई तरह की अफवाहें भी सोशल मीडिया पर फैल रही है। तब्लीगी मरकज में शामिल होने वाले लोगों में कोरोना की पुष्टि के बाद अफवाहों का बाजार और गर्म हो गया है। इस बीच बिहार के एक न्यूज पोर्टल ने यह खबर चलाई कि बिहार मदरसा बोर्ड के चेयरमैन अब्दूल कय्यूम अंसारी भी निजामुद्दीन में आयोजित तब्लीगी मरकज में शामिल हुए थे।
सूचना के प्रसारित होते ही बिहार के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में एक मेडिकल टीम मदरसा बोर्ड के चेयरमैन के घर पहुंची और उनका सैंपल कलेक्ट किया। जो जांच के बाद निगेटिव आया है। चेयरमैन की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अधिकारियों के साथ-साथ मदरसा बोर्ड के सदस्यों ने भी राहत की सांस ली।
न्यूज पोर्टल पर ठोका एक करोड़ का मुकदमा
लेकिन दूसरी ओर चेयरमैन ने उनके मरकज में शामिल होने वाली खबर चलाने वाले न्यूज पोर्टल पर एक करोड़ रुपए के मानहानि का मुकदमा ठोका है। चेयरमैन का कहना है कि मेरे विरोधियों ने साजिश के तहत मुझे बदनाम करने के लिए यह कोशिश की। इससे मेरी छवि का नुकसान हुआ है। उन्होंने फुलवारीशरीफ में एक करोड़ की मानहानि का केस दर्ज कराया है। थानेदार रफीकुर रहमान ने बताया कि केस दर्ज कर लिया गया है। न्यूज पोर्टल की पहचान के लिए साइबर सेल की मदद ली जा रही है।
13-15 तक था मरकज, मैं 18 को दिल्ली पहुंचाः अंसारी
मानहानि का दावा ठोकने के बाद चेयरमैन ने कहा कि मेरे बारे में झूठी खबर चलाई गई। मैं दिल्ली जरूर गया था, लेकिन मरकज में शामिल होने के लिए, मदरसा के कुछ जरूरी काम और किताबों को खरीदने के लिए मैं दिल्ली गया था। उन्होंने आगे बताया कि यह मरकज 13 से 15 मार्च के बीच आयोजित हुआ था। जबकि मैं दिल्ली 18 मार्च को गया। दिल्ली में मैं बिहार भवन में ठहरा। जहां के रजिस्टर में मेरा नाम दर्ज है। अपना काम निपटाने के बाद मैं 20 मार्च को बिहार लौट गया था।
अंसारी ने बताया कि सरकार ने मरकज में शामिल होने वाले बिहार के जिन 86 लोगों के नाम जारी किए है, उसमें मेरा नाम शामिल नहीं है। बेवजह मुझे बदनाम करने के लिए यह खेल खेला गया।