देखिए नशेड़ी का कारनामा: बिना स्टेशन के बीच में ही रुकवा दी ट्रेन..लोको पायलट को नीचे तक उतरकर आना पड़ा..

शराबी ने यह कारनामा सीतामढ़ी जिले के रुनीसैदपुर में नदी पर बने रेलवेपुल की है। जहां नशेड़ी लड़खड़ाते हुए पुल पर साइकिल लेकर खड़ा हो गया। सामने से आ रही पाटलिपुत्र ट्रेन (Sitamarhi Patliputra Train) के ड्राइवर ने बार-बार हॉर्न बजाया, लेकिन उसने एक नहीं सुनी। आखिर में ड्राइवर को ट्रेन रोककर उसको हटाया।

Asianet News Hindi | Published : Dec 20, 2021 6:36 AM IST / Updated: Dec 20 2021, 01:35 PM IST

सीतामढ़ी (बिहार). कहने को तो बिहार में शराबबंदी है, लेकिन इसके बाद कुछ ऐसे मामले सामने आ जाते हैं, जिनसे सरकार के सारे दावों की फोल खुलती देखी जा सकती है। कुछ ऐसा ही नजारा सीतामढ़ी जिले से सामने आया है, जहां एक नशेड़ी टुन्न होकर ट्रेन को रुकवा देता है। नशे में धुत युवक ने रेलवे ट्रेक पर अपनी साईकिल खड़ी कर दी और खुद भी बीच पटरी पर खड़ा हो गया। ट्रेन के ड्राइवर ने बार-बार हॉर्न बजाया, लेकिन ना तो वह खुद हटा और ना ही साईकिल हटाई। 

एक शारबी ने बिना स्टेशन के ऐसे रोक दी सुपरपास्ट ट्रेन
दरअसल, शराबी ने यह कारनामा सीतामढ़ी जिले के रुनीसैदपुर में नदी पर बने रेलवेपुल की है। जहां नशेड़ी लड़खड़ाते हुए पुल पर साइकिल लेकर खड़ा हो गया। सामने से आ रही पाटलिपुत्र ट्रेन (Sitamarhi Patliputra Train) के ड्राइवर ने बार-बार हॉर्न बजाया, लेकिन उसने एक नहीं सुनी। आखिर में ड्राइवर को ट्रेन रोककर उसको हटाया।

शराबी के चक्कर में ट्रेन  10 से 15 मिनट तक रुकी रही
बता दें कि जब शराबी नहीं हटा तो ड्राइवर को ट्रेन से नीचे उतरकर आना पड़ा। इस दौरान युवक ने ड्राइवर से काफी देर तक बहस करते हुए बदतमीजी तक की। ड्राइवर ने उसे प्यार से हटाने का काफी प्रयास किय, लेकिन वो नहीं माना, इसके बाद ड्राइवर ने उसे दो-चार थप्पड़ दे मारे, तब जाकर शराबी ने साइकिल पटरी से हटाई। इस तरह से नशेड़ी के चक्कर में ट्रेन करीब 10 से 15 मिनट तक वहीं पर रुकी रही।

ड्राइवर ने युवक को मारे थप्पड़.. तब उसका नशा उतरा
बताया जाता है कि ट्रेन में बैठे लोगों ने भी उतरकर उसे पटरी से हटने को खब कहा, लेकिन वो नहीं माना। काफी समझाया, उससे निवेदन तक सवारियों ने किया। लेकिन वो है कि हटने को तैयार नहीं था। फिर आखिर में ट्रेन के ड्राइवर को ही मजबूर होकर नीचे उतरना पड़ा। लेकिन वो फिर भी नहीं हटा। आखिर में मारपीट के बाद ही जबरन उसे हटाया गया। इस तरह जब उसे थप्पड़ पडे तब जाकर उसका नशा उतरा।
 

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